जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कथित रूप से ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि कश्मीर में स्थानीय आतंकवादियों की हत्या पर शोक प्रकट करने पर कोई रोक नहीं है. उनके मुताबिक पार्टी की यही नीति रही है.
'स्थानीय आतंकवादियों के परिजनों से मिलने की नीति'
पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा, 'चाहे सीआरपीएफ का जवान हो या स्थानीय आतंकवादी, शोक प्रकट करने पर कोई रोक नहीं है. हालांकि, यह सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करता है, कई बार हम जा सकते हैं और कई बार नहीं.' उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले भी पार्टी की सुरक्षाबलों के अभियान में मारे गए स्थानीय आतंकवादियों के परिजनों से मिलने की नीति थी.
'जवान या आतंकी दोनों का मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण'
मीर ने बताया, 'PDP की नीति रही है. जब कोई आतंकी मारा जाता था, मैं उसके परिवार से मिलकर शोक जाहिर किया करता था और उस दौरान पार्टी प्रमुख भी यही किया करता. जो भी मरता है, वो ईश्वर के सामने होता है.'
सोपोर में IED ब्लास्ट हमले (जिसमें चार पुलिस जवान शहीद हुए) पर PDP प्रवक्ता ने कहा, 'जब भी कोई पुलिसकर्मी मारा जाता है या कोई स्थानीय आतंकी, ये दोनों ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी आलोचना करते हैं.'
सोपोर ब्लास्ट पर दुख व्यक्त करते हुए मीर ने कहा, 'वो एक हृदय विदारक घटना थी. हमें उम्मीद थी कि हालात बेहतर हो रहे हैं, लेकिन हमें ऐसा झटका लगा. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. वो हमारे अपने बेटे थे.'