जम्मू में बुधवार को भारतीय सेना और सुरक्षाकर्मियों के समर्थन में रैली निकाली गई. रैली में मांग की गई कि कश्मीर का माहौल खराब करने वाले जो भी तत्व हैं उनसे सख्ती से निपटा जाए. साथ ही अलगाववादियों से सुरक्षा तत्काल वापस ली जाए. मौलाना आजाद स्टेडियम से शुरू होकर ये रैली 'बलिदान स्तंभ' पर जाकर समाप्त हुई. रैली के दौरान स्कूली बच्चों का जोश देखते ही बना. रैली में बड़ी संख्या में युवकों ने मोटरसाइकिलों पर सवार होकर भारतीय सेना के समर्थन में नारे लगाए. इन्होंने हाथों में तिरंगा थाम रखा था.
रैली की खासियत इसमें बड़ी संख्या में मुस्लिमों की भी शिरकत रही. रैली में हिस्सा लेने वाले लोगों ने कहा कि वो भारतीय सेना के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां जुटे हैं. उन्होंने कहा कि ये हर किसी को समझना चाहिए कि पाकिस्तान ने हिज्ब कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में छद्म युद्ध छेड़ रखा है. इसी छद्म युद्ध से भारतीय सेना और सुरक्षाकर्मियों को निपटना पड़ रहा है. रैली में शिरकत करने वाले लोगों ने मांग की कि भारतीय सेना और सुरक्षाकर्मियों को और अधिकार दिए जाने चाहिए. रैली में हिस्सा ले रहे कुछ बच्चों ने कहा कि वे खुद भी बड़े होकर सेना में शामिल होना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर सरकार से भी रैली में मांग की गई कि वो कश्मीर का माहौल खराब करने वाले लोगों के साथ कड़ाई के साथ पेश आए. साथ ही ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया जाए जो कश्मीर में अमन और सौहार्द देखना चाहते हैं.
रैली का आयोजन जम्मू सिटीजन फोरम की ओर से किया गया था. ये फोरम जम्मू क्षेत्र की बेहतरी के लिए बनाया गया है. इसमें बुद्धिजीवी वर्ग से लेकर आम नागरिक, हर तबके के लोग शामिल हैं. रैली में हिस्सा लेने वाले एक मुस्लिम शख्स ने अलगाववादियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, 'वो सिर्फ अपने फायदे के लिए घाटी में युवा लोगों को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोगों के पासपोर्ट जब्त करने के साथ सारी सुविधाएं वापस ले लेनी चाहिए. ऐसे लोगों को ये समझ लेना चाहिए कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा.'