अनुच्छेद 370 के हटने के तीन साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (24 अप्रैल) जम्मू कश्मीर दौरे पर आ रहे हैं. वे जम्मू के सांबा जिले में होने वाले पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले हैं. उनके इस दौरे पर पूरे देश की नजर है और सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री के दौरे की बात करें तो वे सबसे पहले ग्रामसभा की बैठक में शिरकत करेंगे और उसी दौरान देश भर में ग्रामसभाओं की बैठक का आयोजन होगा जिसका लाइव प्रसारण किया जायेगा. बताया जा रहा है कि पंजायत के हजारों प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री का संवाद होगा और देश की जिन भी पंचायतों ने अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम किया होगा, उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा.
क्या रहेगा कार्यक्रम?
इस सब के अलावा पीएम द्वारा 38,082 करोड़ रुपये के औघोगिक विकास प्रस्तावों की आधारशिला रखी जाएगी. इस दौरान पीएम 2 हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास करेंगे और साथ में जम्मू-श्रीनगर टनल का भी लोकार्पण करेंगे. खबर ये भी है कि मोदी दुबई से आये हुए इंवेस्टर्स के साथ खास मुलाकात करने जा रहे हैं. वे MR ग्रुप, DP World के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर आगे की विकास योजनाओं पर चर्चा करने वाले हैं.
दौरे से पहले आतंकी हमले
अब इन विकास परियोजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे के कई बड़े सियासी मायने भी माने जा रहे हैं. जब से शुक्रवार को सुंजवां इलाके में आतंकियों ने बड़ा हमला किया है, पीएम की सुरक्षा को लेकर एजेंसियों की चिंता काफी बढ़ गई थी. अब कहने को उस हमले के बाद सुरक्षाबलों द्वारा दोनों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया, इलाके में अच्छे से सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया, लेकिन क्योंकि वो इलाका पीएम के कार्यक्रम स्थल से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर का रहा, ऐसे में चिंता ज्यादा बड़ी मानी गई.
क्या संदेश दिया जाएगा?
लेकिन अब जब प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे पर आने जा रहे हैं, ऐसे में आतंकवादियों के साथ-साथ उनके हुक्मरानों को बड़ा संदेश दिया जा रहा है. साफ कह दिया गया कि आतंकी घटनाओं के डर से जम्मू-कश्मीर का विकास नहीं रोका जाएगा. उनकी धमकियों को तवज्जो नहीं देते हुए सीधे जम्मू-कश्मीर की जनता से संवाद स्थापित किया जाएगा.
वैसे यहां पर ये जानना जरूरी हो जाता है कि नरेंद्र मोदी मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं सिर्फ़ एक बार छोड़कर वे लगातार पंचायती राज के कार्यक्रम में हिस्सा लेते रहे हैं. लेकिन इस बार ये ज्यादा खास इसलिए हो गया है क्योंकि इसका आयोजन जम्मू-कश्मीर में किया जा रहा है और खुद पीएम 370 हटने के तीन साल बाद यहां पर दस्तक देने जा रहे हैं.
पीएम मोदी ने भी अपने इस कार्यक्रम को लेकर एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि 24 अप्रैल को हम राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस मनाने जा रहे हैं. मैं जम्मू कश्मीर के दौरे पर आ रहा हूं और वहां पर देश की सभी ग्राम सभा को संबोधित करने जा रहा हूं. 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का मैं लोकार्पण और शिलान्यास भी करने जा रहा हूं.
सरपंचों पर हमला, मोदी बढ़ाएंगे विश्वास?
वैसे जिस सांबा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम होने जा रहा है, वो पाकिस्तान से ज्यादा दूर नहीं है, ऐसे में उनका वहां से दिया गया एक संदेश पूरे पाकिस्तन में भी सियासी हलचल पैदा कर सकता है. उनके इस दौरे के मायने इसलिए भी ज्यादा बढ़ गए हैं क्योंकि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में सरपंचों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पंचायत के दूसरे सदस्यों को भी आतंकी अपनी गोलियों का शिकार बना रहे हैं. ऐसे में अब पंचायत सदस्यों में फिर सुरक्षा का भाव पैदा हो सके, उन्हें इस बात का अहसास हो सके कि सरकार उनकी फिक्र करती है, पीएम मोदी का ये दौरा उस विश्वास को बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है.
माहौल बिगाड़ने का प्रयास, मोदी बदलेंगे नरेटिव?
हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों ने भी पीएम के इस दौरे की अहमियत को कई गुना बढ़ा दिया है. सरकार लगातार जोर देकर कह रही है कि 370 हटने के बाद से घाटी का माहौल बदला है, आतंकी घटनाएं कम हुई हैं. अब उसी दावे को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान से आए आतंकी माहौल खराब करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. उनकी उस कोशिश पर पीएम मोदी द्वारा शुरू की जा रही विकास परियोजनाएं भारी पड़ सकती हैं.