प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलवक्त छह देशों की यात्रा पर हैं, लेकिन उनके स्वदेश लौटने के ठीक बाद देश में सियासी चांद नजर आने वाला है. कश्मीर की वादियों ने इन दिनों रमजान के पावन महीने की खूशबू है, वहीं ईद पर सेवाइयों के सियासी स्वाद को बढ़ाने के लिए खुद प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर पहुंचने वाले हैं.
मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहार पर पीएम मोदी ने श्रीनगर जाकर मुबारकबाद कहने का प्लान बनाया है. वह 17 जुलाई को जम्मू का दौरा करेंगे और उसी दिन श्रीनगर भी जाएंगे. समझा जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस पावन मौके पर श्रीनगर में इफ्तार पार्टी का भी आयोजन कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि वह पूर्व सांसद और मंत्री गिरधारी लाल डोगरा की 100वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जम्मू का दौरा करेंगे और उसी दिन श्रीनगर जाएंगे.
ईद उल फितर से पहले 17 जुलाई आखिरी शुक्रवार होगा. चांद दिखने के आधार पर ईद उल फितर 18 जुलाई या 19 जुलाई को मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री की यह यात्रा इस मायने में भी खास होने वाली है कि इससे पहले वह पिछले वर्ष जम्मू-कश्मीर में आई भीषण बाढ़ से हुए विनाश की पृष्ठभूमि में दीपावली वाले दिन श्रीनगर गए थे.
...क्योंकि सबकुछ त्योहर नहीं है
प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर सियासी हलचल भी तेज हो गई है. यह लाजमी भी है क्योंकि मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री जम्मू जाएंगे. बीजेपी प्रदेश की सरकार का हिस्सा है, ऐसे में सियासी जमीन पर मोदी की यात्रा को राज्य के लिए बड़े मौके की तरह देखा जा रहा है. पीएम के कार्यालय ने उनके दौरे की अंतिम पुष्टि तो नहीं की है, लेकिन पीएमओ द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई सूचना के मुताबिक 17 जुलाई की तिथि प्रस्तावित है.
ऐलान, घोषणा और ईदी
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी सातवीं बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आ रहे हैं. पिछले साल मोदी ने दिवाली पर पीड़ितों के आग्रह पर राहत राशि को सीधे उनके बैंक खातों में भेजने का एलान किया था. ऐसे में मोदी बाढ़ प्रभावितों के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए ईदी के तौर पर राहत पैकेज भी जारी कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री उसी दिन जम्मू भी जाएंगे. अलबत्ता, श्रीनगर में अपने प्रवास के दौरान वह कश्मीर के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलने के अलावा मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद और उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह की मौजूदगी में एक उच्चस्तरीय बैठक में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे.
इसके अलावा पीएम की मौजूदगी में एक फूड पैकेज भी घोषित किया जाएगा. इस पैकेज पर गत दिनों राज्य के दौरे पर आए केंद्र सरकार के उच्चाधिकारियों की राज्य सरकार के संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई है. उसके बाद ही केंद्र ने इस पैकेज को अंतिम रूप दिया है.
पीएम के दौरे को लेकर विरोध शुरू
प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे का कश्मीर में विरोध भी शुरू हो गया है. ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मुहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि वह यहां सिर्फ संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने और कश्मीरियों के जख्मों पर नमक छिड़कने आ रहे हैं. सिर्फ उनके एजेंट ही उनका स्वागत करेंगे, आम कश्मीरियों को उनके दौरे से कोई सरोकार नहीं है. उस दिन हड़ताल होगी.