जम्मू कश्मीर के हालात के बारे में आशावादी नजरिया जाहिर करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि केंद्र कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के नीतिगत उपायों की अगले कुछ दिनों में घोषणा करेगा.
उन्होंने वादा किया कि मोदी सरकार राज्य के विकास के लिए खास कोशिश करेगी. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्हें इस बात को लेकर खुशी है कि जेटली हालात एवं चुनौतियों के मूल्यांकन के साथ दिल्ली लौट रहे हैं. उमर ने शनिवार को जेटली से मुलाकात की और वह सुरक्षा समीक्षा के दौरान रक्षा मंत्री के साथ मौजूद थे. अपना पदभार संभालने के बाद राज्य की दो दिवसीय यात्रा पर आए जेटली ने कहा कि उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है बल्कि वह सिर्फ सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए आए हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘चर्चा के बाद राज्य के हालात के बार में मैं आशावादी हूं. लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए हैं जबकि पर्यटन का मौसम पूरे शबाब पर है. अमरनाथ यात्रा इस महीने के आखिर में शुरू होने जा रही है और उम्मीद है कि यह भी शांतिपूर्ण तरीके से हो जाएगी.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में पाकिस्तान में तेजी से सुनवाई समेत महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर उनके साथ बातचीत की थी. इस मुलाकात को भारत-पाक संबंधों में सकारात्मक घटनाक्रम के तौर पर देखा गया था. पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारत के एक जवान का सिर काटे जाने की घटना के बाद पिछले साल जनवरी में भारत-पाकिस्तान की समग्र वार्ता प्रक्रिया का तीसरा दौर बाधित हो गया था. जेटली ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल एनएन वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ अलग अलग बैठक कर सुरक्षा हालात पर चर्चा की.
उन्होंने उमर तथा प्रशासन, सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ विशेष सुरक्षा समीक्षा बैठक की. जेटली ने कहा, ‘सीमापार से आने वाले उग्रवादियों या घुसपैठियों के बारे में मैंने सेना और जवानों से विचार विमर्श किया. इन क्षेत्रों में हमारी सेना ने वर्चस्व स्थापित किया है और इन घुसपैठ की घटनाओं को रोकने में उसकी क्षमता बढ़ी है.’ रक्षा मंत्री ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहा है लेकिन सेना इन घटनाओं पर उचित जवाब दे रही है. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं संतोष के भाव के साथ वापस जा रहा हूं.’ अल कायदा के भड़काउ वीडियो के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि भारत के पास शत्रु तत्वों को देश में समस्या पैदा नहीं करने देने की अपार शक्ति है. जेटली ने कहा, ‘भारत की विरोधी ताकतें शांति बरकरार नहीं रहने देना चाहेंगी. इसलिए हालात की चर्चा करते समय हम इन सभी पर ध्यान देंगे.’
जेटली ने कहा कि देश में समस्या पैदा करने की कोशिश करने वाले शत्रु तत्वों के मद्देनजर वह आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं वहीं सरकार भी सचेत है. जेटली शनिवार को सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के साथ श्रीगनर पहुंचे थे.
उन्होंने श्रीनगर में बैठकें की और एलओसी के पास उरी सेक्टर में अग्रिम इलाकों का दौरा भी किया जहां उन्होंने सेना के अधिकारियों और जवानों से बात कर हालात की जानकारी ली. रक्षा मंत्री ने हाजी पीर दर्रा के पास स्थित सेना की चौकियों का भी दौरा किया और कहा कि भारतीय सैनिक एलओसी की गरिमा बनाये रखने के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं. जेटली ने ट्वीट किया, ‘हमारे सैनिक एलओसी की गरिमा बनाये रखने के लिए और संघषर्विराम के किसी भी तरह के उल्लंघन का जवाब देने में निस्वार्थ भाव से काम करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हाजी पीर क्षेत्र में एलओसी पर सेना की चौकियों का भ्रमण किया. देश की सुरक्षा के लिए हमारे सैनिक प्रशंसनीय काम कर रहे हैं.
जेटली ने नियंत्रण रेखा के पास सेना की चौकियों का दौरा किया
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने हाजी पीर दर्रे के समीप स्थित सेना की चौकियों का दौरा किया और नियंत्रण रेखा की अक्षुण्णता बनाए रखने एवं संघर्ष विराम उल्लंघनों का करारा जवाब देकर ‘नि:स्वार्थ’ भाव से काम करने के लिए सैनिकों की प्रशंसा की.
उन्होंने ट्विट किया, ‘हमारे सैनिक नियंत्रण रेखा की अक्षुण्णता बनाए रखने और किसी भी संघर्ष विराम उल्लंघन का जवाब देने के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं.’ मंत्री ने कहा, ‘हाजी पीर इलाके में नियंत्रण रेखा के पास सेना की चौकियों का दौरा किया. देश की रक्षा में हमारे सैनिक शानदार काम कर रहे हैं.’ रक्षा मंत्री के रूप में अपनी पहली यात्रा पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे जेटली के साथ सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह भी हैं. नियंत्रण रेखा के पास सुरक्षा स्थिति और सुदूर इलाके में घुसपैठ निरोधक अभियानों से सेना के स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया.