जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए मुठभेड़ में आतंकी मन्नान वानी मारा गिराया गया है. मन्नान वानी की मौत पर घाटी में फिर राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वानी की मौत पर दुख जताया है.
महबूबा मुफ्ती के बयान का बीजेपी ने कड़ा विरोध किया है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने कहा कि महबूबा निराश हैं. एक आतंकी की मौत पर उनका इस तरह शोक जताना राष्ट्र विरोधी तत्वों को खुश करने की कवायद है.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, "आज एक पीएचडी स्कॉलर ने जिंदगी की जगह मौत को चुना और एक मुठभेड़ में मारा गया. उसकी मौत पूरी तरह से हमारा नुकसान है क्योंकि हम हर दिन जवान पढ़े-लिखे लड़कों को खो रहे हैं."
Today a PhD scholar chose death over life & was killed in an encounter. His death is entirely our loss as we are losing young educated boys everyday. 1/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 11, 2018
महबूबा ने इसके आगे ट्वीट में लिखा, "यह उचित समय है कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियां इस समस्या की गंभीरता को समझें और इस रक्तपात को खत्म करने के लिए पाकिस्तान सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत के माध्यम से एक समाधान निकालने का प्रयास करें."
मन्नान वानी अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में जियॉलजी से पीएचडी का छात्र था. पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ उसकी एक तस्वीर साझा हुई थी जिसके कैप्शन में उसके 'ऐटिवेशन डेट' के तौर पर 5 जनवरी लिखा था. जिसके बाद से उसके हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा था. मन्नान वानी तीन जनवरी से लापता था. मन्नान की तस्वीर सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मन्नान को निलंबित कर दिया था.It is high time that all the political parties in the country realise the gravity of this situation and try to facilitate a solution through dialogue with all the stake holders including Pakistan to end this bloodshed. 2/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 11, 2018
मन्नान के मारे जाने पर अलगाववादी नेता मीरवायज उमर फारूक ने ट्वीट में लिखा, ''अफसोस! मन्नान वानी और उसके सहयोगियों की शहादत की दुखद खबर सुनी. गहराई से पीड़ा है कि हमने एक उभरते हुए बुद्धिजीवी और लेखक को खो दिया. ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (JRL) ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कल बंद की अपील करती है.''
Alas! heard the tragic news of #MananWani’s Martyrdom and of his associates! Deeply pained that we lost a budding intellectual and writer like him,fighting for the of cause of self-determination.JRL appeals to people to observe a complete #Shutdown tomorrow to pay homage to him
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) October 11, 2018
आपको बता दें कि मुठभेड़ के दौरान घटनास्थल पर 500 स्थानीय लोग जमा हो गए और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने लगे. इससे सुरक्षाबलों को ऑपरेशन पूरा करने में परेशानी हुई. कश्मीर में किसी आतंकी के मारे जाने पर राजनीति नई नहीं है. इससे पहले आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद तत्कालीन सीएम महबूबा मुफ्ती कहा था कि सेना को मुठभेड़ स्थल पर बुरहान वानी की मौजूदगी का पता नहीं था. अगर उनको इस बात की जानकारी होती तो वे उसे गोली नहीं मारते.
बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में कई महीनों तक तनाव रहा और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी का दौर चला. इस दौरान हालात पर काबू पाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन का प्रयोग भी किया गया जिसमें कई कश्मीरियों की मृत्यु और कई लोगों के आंखे चली गईं.