देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू- कश्मीर के लोगों से शांति वापस लाने में मदद की अपील है. उन्होंने कहा, 'राज्य में शांति बहाली के लिए स्थानीय लोगों को मदद करनी होगी. वर्ना ऐसा न हो कि हम एक और पीढ़ी को अंधेरे में गंवा बैठे.' इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार उन सभी लोगों से वार्ता को तैयार है जो भले ही समान सोच नहीं रखते हों लेकिन उनकी सोच सही हो. केंद्रीय मंत्री के इस बयान को अलगाववादियों के लिए शांति की पेशकश समझा जा रहा है.
युवाओं से भी की अपील
गृहमंत्री ने जम्मू- कश्मीर के युवाओं से दुष्प्रचार अभियान के गिरफ्त में नहीं आने की अपील की. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें युवाओं के सशक्तिकरण और उन्हें खेलकूद में शानदार प्रदर्शन करने में मदद पहुंचाने के लिए राज्य के चेहरे और भविष्य को बदलने के लिए हर प्रयास करेंगी.
राज्य का भविष्य बदल देंगे
उन्होंने बताया कि केंद्र ने पथराव के संदर्भ में युवाओं पर से मामले हटाने का फैसला करने से पहले इस तथ्य को ध्यान में रखा कि उन्हें सुरक्षाबलों पर पथराव के लिए गुमराह किया गया. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हम समझते हैं कि कुछ युवकों को पथराव के लिए गुमराह किया गया. बच्चे गलतियां कर सकते हैं. और यही वजह है कि हमने मामले वापस लेने का फैसला किया. जम्मू- कश्मीर सरकार की मदद से हम राज्य का चेहरा और भविष्य बदलेंगे. ’
जब उनसे पूछा गया कि क्या जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा घोषित एकतरफा संघर्षविराम रमजान के बाद भी बढ़ाया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उचित सोच विचार के बाद रमजान में अभियान स्थगित करने का फैसला किया. हमने जम्मू कश्मीर में आम लोगों की स्थिति को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया. रमजान के बाद उसे बढ़ाने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद किया जाएगा.’
दो दिवसीय दौरे पर हैं गृह मंत्री
दरअसल, राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. पहले दिन गृहमंत्री ने रमजान के दौरान एकतरफा संघर्षविराम की समीक्षा के लिए अधिकारियों के अलावा राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बातचीत की. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पाकिस्तान में ‘सही सोच वाले’ व्यक्तियों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार है. बशर्ते पड़ोसी देश अपनी सरजमीं से चलने वाली आतंकवादी गतिविधियां रोके.