केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान को हमने 1971 में तोड़ा था, एक बार फिर पाकिस्तान टूटेगा. इस बार हम नहीं वो खुद ही टूट जाएगा. हमने पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया, हमारे प्रधानमंत्री वहां दोस्ती का हाथ बढ़ाने गए थे लेकिन उन्होंने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया.
राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के कठुआ में शहीदी दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं.
राजनाथ ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ (पाकिस्तानी पीएम) को नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया. हमने उन्हें यहां हाथ मिलाने को नहीं बल्कि अच्छे रिश्तों में सुधार के वास्ते बुलाया. लेकिन उन्होंने हमें गुरदासपुर और पठानकोट दिया. जब हम आतंकावाद के खिलाफ बात करते हैं तो पाकिस्तान क्यों नहीं करता?'
रिश्ते सुधारने के बदले नहीं खाएंगे गोली
गृह मंत्री ने कहा कि भारत पाकिस्तान को अपना परिवार मानता है लेकिन ऐसा नहीं है कि रिश्ते सुधारने की एवज में हमारे जवान गोलियां खाते रहेंगे. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के अधिकारी मुझसे नई दिल्ली में मिले और मैंने उनसे कहा कि हम बॉर्डर पर उन पर फायरिंग नहीं करेंगे, हम उन्हें हमारा परिवार मानते हैं क्योंकि बंटवारे से पहले हम एक थे लेकिन अगर आपकी तरफ से गोलबारी हुई तो हम भी नहीं छोड़ेंगे और गोलियों की गिनती नहीं करेंगे.'
हमारी SIT को पाकिस्तान आने की नहीं दी इजाजत
पठानकोट में हुए आतंकी हमले को लेकर हमने अपनी एसआईटी टीम को पाकिस्तान नहीं भेजा और उनकी एसआईटी टीम को यहां आने दिया. लेकिन बाद में जब हमारे अधिकारियों ने पाकिस्तान जाने की इजाजत मांगी तो उन्होंने हमारी टीम को अनुमति नहीं दी.
आईएसआईएस से भारत को खतरा नहीं
राजनाथ ने कहा कि मैं पाकिस्तान गया लेकिन वहां मेरे विरोध में कई प्रदर्शन किए गए. उन लोगों को क्यों नहीं रोका गया? इसके बावजूद मैं वहां गया और भारत के नजरिए को रखा. इस मौके पर उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन से भारत किसी तरह का खतरा है. गृह मंत्री ने कहा, 'आईएसआईएस देश के लिए खतरा नहीं और मैं यह केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में बोल रहा हूं.'