राज्यसभा के उपसभापति चुनाव को लेकर राजनीति और बयानबाजी तेज हो गई है. इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बीच ट्विटर वॉर देखने को मिला है. अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि मुफ्ती ने कांग्रेस से यूपीए और बीजेपी से एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही है. उन्होंने मुफ्ती से पूछा कि आखिर ये कैसे संभव होगा कि वो दोनों को एक साथ समर्थन दें?
@MehboobaMufti has told the Congress she will support the UPA candidate for #RajyaSabha Vice Chairman. She’s also told the BJP she will support the NDA candidate. How does that work exactly?
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 7, 2018
इस पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फौरन उमर अब्दुल्ला को जवाब नहीं दिया और बस एक इमोजी से उन्हें जवाब दिया.
🤥
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 7, 2018
इस पर उमर अबदुल्ला ने कहा कि आपका ट्विटर अकाउंट जो भी संभालता है, उसे नमन है. इनके पास अच्छा सेंस ऑफ ह्यूमर है. सटीक इमोजी का इस्तेमाल किया है. उन्होंने भी जवाब में एक इमोजी का इस्तेमाल किया.
😆 hats off to who ever operates your account for you. They actually have a sense of humour . Nice emoji use 👍🏼
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 7, 2018
मुफ्ती ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के उम्मीदवारों को समर्थन देने के बयान को फेक न्यूज और कल्पना करार दिया. उन्होंने अब्दुल्ला को जवाब देते हुए ट्वीट किया, 'आमतौर पर संदिग्ध न्यूज चैनलों द्वारा फेक न्यूज और झूठी खबर चलाई जाती है. लेकिन जब उमर अब्दुल्ला जैसे पॉलिटिशियन पूरी तरह से कल्पना पर आधारित कहानियां गढ़ते हैं, तो ऐसे भ्रमित करने की कोशिश विफल हो जाती है. ऐसे खतरनाक प्रोपेगैंडा से सच्चाई को क्षति होती है और लोगों को गुमराह करने की कोशिश होती है.'
Again fake news ! 🤦🏻♀️. Give a compliment where its due Omar .
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 7, 2018
हालांकि पीडीपी ने उपसभापति के लिए होने वाले चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला लिया है. राज्यसभा में पीडीपी के दो सांसद हैं. मालूम हो कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी का गठबंधन टूटा है, जिसके बाद सूबे में गठबंधन सरकार गिर गई. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है.
ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी से नाराज पीडीपी कांग्रेस के खेमे में जा सकती है. बता दें कि राज्यसभा के उपसभापति चुनाव के लिए एनडीए ने जेडीयू सांसद हरिवंश को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसके खिलाफ एकजुट विपक्ष ने एनसीपी की वंदना चव्हाण को मैदान में उतारा है.
नौ अगस्त को होने वाले उपसभापति चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवार को जिताने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए तोड़फोड़ की राजनीति भी जारी है. साथ ही नाराज सहयोगी दलों को साधने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि सहयोगी दलों की नाराजगी इस चुनाव में खतरनाक साबित हो सकती है.
NDA में पड़ी फूट!
राज्यसभा में उपसभापति के लिए एनडीए की तरफ से उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश को बनाए जाने से एनडीए की दो सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियां अकाली दल और शिवसेना नाराज हैं. दरअसल, अकाली दल को उम्मीद थी कि राज्यसभा में एनडीए का उपसभापति का उम्मीदवार उनका होगा.
बता दें कि अकाली दल से नरेश गुजराल का नाम चर्चा में था, लेकिन अंतिम समय पर बीजेपी ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बना दिया, जिससे अकाली दल में नाराजगी हैं. इसे लेकर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में अकाली दल के संसदीय दल की बैठक केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के घर पर हुई.
उपसभापति के लिए क्या है राज्यसभा का गणित?
संख्याबल के हिसाब से देखा जाए, तो राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 244 है. मतलब एनडीए को बहुमत के लिए 123 सदस्यों का समर्थन चाहिए. बीजेपी के 73, जेडीयू के छह, अकाली दल के तीन, शिवसेना के तीन, बोडो पीपुल फ़्रंट के एक, नागा पीपुल फ़्रंट के एक, सिक्किम डेमक्राटिक फ़्रंट के एक, आरपीआई के एक, तीन निर्दलीय और तीन मनोनीत सदस्यों को मिलाकर कर NDA के पास 95 सांसद हैं.
ऐसे में एनडीए को चुनाव जीतने के लिए अन्य 28 सांसदों की जरूरत है. सूत्रों के मुताबिक एआईएडीएमके के 13, टीआरएस के छह और वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्य एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को अपना समर्थन देने के लिए सहमति दे चुके हैं. फिलहाल एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को ताज़ा संख्याबल के अनुसार 116 सांसदों का समर्थन प्राप्त है.