राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को भारत छोड़कर कहीं और जाने की सलाह दी है. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर उनको भारत में घुटन महसूस होती है तो उन्हें भारत छोड़कर कहीं और चले जाना चाहिए.
इंद्रेश कुमार का ये बयान फारूक अब्दुल्ला की उस बात पर आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों की तरह बलिदान देंगे, तभी अनुच्छेद 370 बहाल होगा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि ये दिखाता है कि फारूक अब्दुल्ला को शांति से नहीं, हिंसा से लगाव है.
आरएसएस नेता ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के कथित दमन के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की भी आलोचना की और कहा 'झूठ बोलना उनके लिए फैशन बन गया है.' उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं को 'भड़काने की राजनीति' और देश की एकता-अखंडता को बनाए रखने में बाधा डालने की कोशिशें बंद कर देनी चाहिए.
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इंद्रेश कुमार ने कहा, 'फारूक अब्दुल्ला ने पहले कहा था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए चीन की मदद ली जाएगी. क्या हम इसे स्वीकार करें? कभी नहीं. ये नॉनसेंस बात है. अगर उन्हें यहां घुटन होती है तो उन्हें अरब या अमेरिका या जहां चाहें वहां चले जाना चाहिए. उनकी पत्नी इंग्लैंड में रहती हैं. वो अपनी पत्नी के साथ रहने के लिए इंग्लैंड जाने के बारे में भी सोच सकते हैं. वो हमेशा खुश रहेंगे.'
फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के मौके पर उनके मकबरे में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए यहां की आवाम को किसानों की तरह ही 'बलिदान' देना होगा.
वहीं, महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर में जम्मू-कश्मीर के लोगों के कथित दमन के खिलाफ प्रदर्शन किया और मांग की कि बेगुनाहों की हत्या तत्काल बंद हो. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि वो दिल्ली में इसलिए प्रदर्शन कर रहीं हैं क्योंकि उन्हें कश्मीर में कभी भी अपना विरोध दर्ज कराने की अनुमति नहीं मिली.