जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को राजभवन में बैठक की. बैठक में राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 को लेकर संसद में हुए घटनाक्रम के बाद राज्य में मौजूदा सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. साथ ही राज्यपाल ने घाटी में संबंधित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने कर्मचारियों को अलग अलग इलाकों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नियुक्त करें. साथ ही उन्होंने आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी बल दिया.
J&K Raj Bhavan: Governor Satya Pal Malik, in a meeting held at Raj Bhavan yesterday evening, reviewed to-date status of prevailing security and law and order scenario in the State, in the aftermath of developments in the Parliament relating to Jammu and Kashmir. (File pic) pic.twitter.com/44WXYFLbaJ
— ANI (@ANI) August 7, 2019
दूसरी ओर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इसकी घोषणा कर दी. राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार रात जारी अधिसूचना में कहा गया, "समय-समय पर बिना रूप बदले और अपवादों के संशोधित किए गए भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर राज्य पर लागू होंगे, चाहे वे संविधान के अनुच्छेद 152 या अनुच्छेद 308 या जम्मू कश्मीर के संविधान के किसी अन्य प्रावधान, या कानून, दस्तावेज, फैसला, अध्यादेश, आदेश, उपनियम, शासन, अधिनियम, अधिसूचना, रिवाज या भारतीय क्षेत्र में कानून या कोई अन्य साधन, संधि या अनुच्छेद 370 के अंतर्गत समझौता या अन्य तरह से दिया गया हो."
अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था. अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए संयुक्त रूप से स्पष्ट करते थे कि राज्य के निवासी भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों से अलग कानून में रहते हैं. इन नियमों में नागरिकता, संपत्ति का मालिकाना हक और मूल कर्तव्य थे. इस अनुच्छेद के कारण देश के अन्य राज्यों के नागरिकों के जम्मू कश्मीर में संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध था.