जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने रविवार को बताया कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ही उन्हें यह पद संभालने की सलाह दी थी. जेटली के सास-ससुर जम्मू से हैं. मलिक ने बताया, जेटली ने मुझे कहा था कि यह ऐतिहासिक होगा. उनके कहने पर ही मैं जम्मू-कश्मीर आया था. अरुण जेटली का शनिवार दोपहर 12.07 बजे लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. वह 66 साल के थे. उनका एम्स में इलाज चल रहा था. जेटली का अंतिम संस्कार आज दोपहर 2.30 बजे दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया जाएगा.
मलिक ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर के हालात पर भी बात की. उन्होंने बताया कि पिछले 10 दिनों में घाटी में किसी की मौत नहीं हुई है. अगर कम्युनिकेशन नहीं होने से जान बचती है तो इसमें क्या समस्या है. यह परेशानी भी कुछ दिनों में खत्म हो जाएगी. मलिक ने कहा, कश्मीर में जरूरी चीजों और दवाइयों की कोई कमी नहीं है. ईद पर हमने लोगों के घरों में सब्जियां, अंडे और मीट पहुंचाया. आपकी राय 10-15 दिनों में बदल जाएगी. मलिक ने आगे कहा, कश्मीर में अतीत में जो भी तनाव हुए हैं, उसमें पहले हफ्ते में 50 लोग मारे जाते थे. हमारी कोशिश है कि एक भी जान न जाए. उन्होंने कहा, '10 दिन टेलीफोन नहीं होंगे, नहीं होंगे. लेकिन हम बहुत जल्दी सब वापस कर देंगे'.
Satya Pal Malik: In all the crises that happened in Kashmir in the past, at least 50 people used to die in the first week itself. Our attitude is such that there should be no loss of human lives. 10 din telephone nahi honge, nahi honge, lekin hum bahut jaldi sab wapas kar denge. https://t.co/QXCu1EEItu
— ANI (@ANI) August 25, 2019
गौरतलब है कि शनिवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर का दौरा करने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, इससे संकेत मिलता है कि घाटी में हालात सामान्य नहीं हैं. राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के 12 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतरते ही रोक लिया गया. उन्हें वापस दूसरी उड़ान से दिल्ली भेजे जाने तक एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना पड़ा. वे शाम 6.45 बजे वापस दिल्ली पहुंचे.