जम्मू कश्मीर के पुलवाना में CRPF कैंप पर हुए हमले की जिम्मदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. हमले में सेना का 2 जवान शहीद हो गए हैं जबकि 3 अन्य जवान घायल बताए जा रहे हैं. आतंकी अब भी कैंप में छिप हैं और मुठभेड़ जारी है. जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से 12 घंटे पहले ही फिदायीन हमले का स्पेसिफिक अलर्ट जारी किया गया था, बावजूद इसके आतंकी हमले करने में कामयाब रहे.
जैश ने ली हमले की जिम्मेदारी
जैश मीडिया को वॉट्सऐप मैसेज भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली और दावा किया गया है कि ये हमला पिछले दिनों मारे गए जैश आतंकी नूर त्राली की मौत का बदला लेने के लिए किया गया है. सुरक्षाबलों ने 26 दिंसबर को पुलवामा में ही जैश कमांडर नूर मोहम्मद त्राली के मार गिराया था. कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन के फिर से जड़ें जमाने में उसकी प्रमुख भूमिका रही. त्राली की मौत के बाद इलाके में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया था, बावजूद इसके कैंप पर हुआ हमला सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है.
बता दें कि जैश कमांडर त्राली की कई दिनों से सुरक्षाबलों को तलाश थी और वो इस साल के शुरू में श्रीनगर हवाई अड्डे के BSF कैंप पर हुए आत्मघाती हमले सहित कई आतंकवादी हमलों में वांछित था. घाटी में वह सुरक्षा बलों के लिए दिक्कत का सबब बन गया था.
गाजी बाबा का सहयोगी
पुलिस के मुताबिक त्राली 2001 के संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा का करीबी सहयोगी था और वर्ष 2003 में दिल्ली में दर्ज एक मामले में दोषी था. वह श्रीनगर की जेल में सजा काट रहा था और वर्ष 2015 में पैरोल पर रिहा हुआ था. त्राली दक्षिण कश्मीर के त्राल में रहा और क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद का अहम सदस्य बन गया.
इसी के मौत से बौखलाए जैश ने सीआरपीएफ कैंप को निशाना बनाया है. अंधेरे का फायदा उठाते हुए आंतकी कैंप में जा घुसे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए तबाड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दीं. कैंप में फिलहाल 3 आतंकियों के छुपे होने की आशंका जताई जा रही है.