जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अलगवादियों ने शनिवार को पुलिस की कथित ज्यादती के विरोध में बंद का आह्वान किया है, जिससे यहां आम जनजीवन प्रभावित हुआ है.
पुलिस पर लगा ज्यादती बरतने का आरोप
हुर्रियत के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने पुलिस पर 26 जून को जामिया मस्जिद इलाके में शुक्रवार की नमाज के दौरान ज्यादती बरतने का आरोप लगाते हुए बंद का आह्वान किया.
पुराने श्रीनगर शहर के नौहटा इलाके में स्थित जामिया मस्जिद के प्रबंधन का कहना है कि पुलिस ने इलाके में आंसू गैस के गोले छोड़े, जिनमें से कुछ मस्जिद के भीतर पहुंच गए.
प्रभावित हुआ जनजीवन
बंद की वजह से श्रीनगर में दुकानें बंद हैं और सड़कों पर वाहन नहीं नजर आ रहे हैं. हालांकि, श्रीनगर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही सामान्य तरीके से हो रही है.
बैंकों, सरकारी कार्यालयों और डाकघरों में सामान्य तरीके से कामकाज हो रहा है, लेकिन यहां भी उपस्थिति कम है.
बंद का किया समर्थन
हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली गिलानी ने भी बंद का समर्थन किया है. गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने शुक्रवार को उनकी घर में नजरबंदी समाप्त नहीं की और उन्हें नमाज के लिए मस्जिद जाने से रोक दिया था.
नहीं चलीं कक्षाएं
बंद को देखते हुए शहर के संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तैनात किया गया है.
कश्मीर विश्वविद्यालय में गुरुवार को अंग्रेजी विभाग के एक छात्र की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के कारण शनिवार को लगातार दूसरे दिन छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल नहीं होने दिया गया, जिससे इस दिन भी यहां कक्षाएं नहीं चलीं.
छात्र की रिहाई की मांग
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए छात्र मुजामिल अहमद के संबंध आतंकवादियों से हैं, जबकि यहां प्रदर्शन कर रहे छात्र उसे निर्दोष बता रहे हैं और उसकी तुरंत रिहाई की मांग कर रहे हैं. यह छात्र दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले का है.
इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार को अपने छात्रावासों को बंद करने के आदेश दिए और छात्रावास को खाली कराने के लिए पुलिस की मदद मांगी.