चोटी कटने का मामला दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भले ही थम गया हो लेकिन जम्मू कश्मीर में थमने का नाम नहीं ले रहा है. चोटी काटने के मामले को लेकर अलगाववादी नेता यासीन मलिक और मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने का मन बनाया.
अलगाववादी नजरबंद, मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक
चोटी कटवा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज को शुक्रवार को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया और अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया. इसके अलावा श्रीनगर बडगाम जिलों में सावधानी बरतते हुए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई.
कश्मीर में चोटी काटने के बढ़ते मामले
दरअसल, कश्मीर में पिछले दिनों चोटी काटने की कई वारदात सामने आईं हैं. इसी वजह से कश्मीर में चोटी काटने वाले की सूचना देने पर पहले 10 लाख रुपये का इनाम रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया था.
नहीं मिल रहा सुराग
कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन चोटी काटने वाले का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इस बारे में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी कई बैठकें कर चुकी हैं. कश्मीर में चोटी काटने के मामले थम नहीं रहे हैं.
अलगाववादी करना चाहते हैं प्रदर्शन
चोटी काटने के लगातार हो रही घटनाओं से नाराज अलगाववादी नेताओं ने अपने समर्थकों को इसके विरोध में प्रदर्शन करने के लिए बुलाया था. प्रशासन इन अलगाववादी नेताओं को प्रदर्शन करने से रोकना चाहती है. पिछले दिनों घाटी के बेकाबू हालत को प्रशासन ने काफी मुश्कल से थामा था. सूत्रों की मानें तो अलगाववादी चोटी काटने के बहाने को लेकर फिर माहौल खराब करना चाहते थे.
कई राज्यों में चोटी काटने का मामला
बता दें कि चोटी काटने का मामला अगस्त के महीने से सामने आया था. इसके बाद धीरे-धीरे एक के बाद एक राज्य में चोटी काटने का मामले सामने आने लगे थे. लेकिन चोटी काटने की वारदात को अंजाम देने वाले को पकड़ा नहीं जा सका है.