यूएन में पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम नवाज शरीफ का 'कश्मीर राग' जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों को खूब रास आया है. गुरुवार को अलगाववादी नेताओं ने इसे सकारात्मक बताते हुए भारत सरकार से नवाज शरीफ के प्रस्ताव पर विचार और कार्यवाही की सलाह दी है.
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा, 'कश्मीर में दुनिया के किसी भी क्षेत्र से ज्यादा संख्या में सेना मौजूद है. यहां सैनिकों ने युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर समस्या के समाधन के लिए उसके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाकर सराहनीय काम किया है.
गिलानी के साथ ही उमर फारूक ने कहा कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री का बयान सकारात्मक और वास्तविक है. उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि वह नवाज शरीफ के प्रस्ताव और सुझाव पर अमल करे. उन्होंने कहा, 'भारत और कश्मीर से सेना हटाने पर विचार करना चाहिए.'
सैयद अली शाह गिलानी ने भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेना के कारण इलाके में 10 हजार से अधिक लोग गायब हो गए हैं. 10 हजार से ज्यादा संख्या में लोगों की हिरासत में हत्या की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि असंख्य कश्मीरियों पर अत्याचार और अमानवीय व्यवहार किया गया. करीब 7000 महिलाओं से रेप किया गया.
भावनाएं, संवेदनाएं और विचार
सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि नवाज शरीफ ने यूएन में अपने संबोधन के दौरान कश्मीरियों की भावनाओं , संवदेनाओं और विचारों का प्रतिनिधित्व किया. अलगावादी नेता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में कश्मीरियों की श्रद्धा है. पूरी उम्मीद है कि यूएन कश्मीर समस्या का समाधान करेगा, लेकिन अफसोस है कि अब तक इस ओर कुछ नहीं किया गया.
गौरतलब है कि बुधवार को नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वह कश्मीर समस्या का हल चाहते हैं और इसके लिए नए सिरे से बातचीत की वकालत करते हैं. हालांकि, उन्होंने इसके लिए भारत के सामने चार शर्तें भी रखीं, जिनमें कश्मीर और सियाचीन से सेना को हटाना और सीमा पर सीजफायर उल्लंघन पर विराम शामलि है.