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किसी की 9 महीने पहले हुई थी शादी, कोई पीछे छोड़ गया 4 महीने की बेटी... कठुआ हमले में उत्तराखंड के 5 घरों के बुझ गए चिराग

जम्मू के कठुआ में आतंकी हमले में देश के पांच जवान शहीद हुए. इस हमले में जान गंवाने वाले पांचों सैनिक उत्तराखंड के निवासी हैं. इस आतंकी हमले में राइफलमेन अनुज नेगी, कमल रावत, आदर्श नेगी, नायब सूबेदार आंनद सिंह और विनोद सिंह शहीद हुए. 

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कठुआ में शहीद हुए 5 जवान
कठुआ में शहीद हुए 5 जवान

जम्मू के कठुआ में बीते दिन हुए आतंकी हमले में देश ने अपने पांच वीर जवानों को खो दिया है. जबकि पांच जवान घायल हुए हैं. आतंकियों की खोजबीन के लिए सेना का सर्च ऑपरेशन अभी जारी है. आतंकियों ने यह हमला ऐसे समय पर किया, जब सुरक्षाबल कठुआ के बडनोटा में तलाशी अभियान चला रहे थे. तभी आतंकियों ने घात लगाकर सैनिकों की गाड़ी पर हमला कर दिया.

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सूत्रों की मानें तो बडनोटा गांव में रोड कनेक्टिविटी सही नहीं है. यहां वाहन दस से पंद्रह किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार पर वाहन नहीं चला सकते. ऐसे में आतंकियों ने इस इलाके की पहले रेकी कर रखी थी और फिर घात लगाकर सेना की गाड़ी को निशाना बनाया. 

जम्मू के कठुआ आतंकी हमले में एनआईए की टीम घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची है. स्थानीय टीम के साथ अपने स्तर पर एनआईए जांच करेगी.

ये पांच जवान हुए शहीद

इस हमले में जान गंवाने वाले पांचों सैनिक उत्तराखंड के निवासी हैं. इस आतंकी हमले में राइफलमेन अनुज नेगी, कमल रावत, आदर्श नेगी, नायब सूबेदार आंनद सिंह और विनोद सिंह शहीद हुए. 

उत्तराखंड के निवासी इन सैनिकों को लेकर राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बयान में कहा, 'जम्मू-कश्मीर के कठुआ में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के दौरान उत्तराखंड के पांच बहादुर सैनिक शहीद हो गए. यह हम सभी के लिए बहुत दुख का क्षण है.'

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1. शहीद अनुज नेगी

शहीद अनुज नेगी
शहीद अनुज नेगी

राइफलमेन अनुज नेगी पौढ़ी गढ़वाल के धामधार रिखणीखाल तहसील के गांव डोबरिया के रहने वाले थे. शहीद अनुज के घर पर उनके माता पिता, पत्नी और एक बहन हैं. नवंबर 2023 में ही अनुज की शादी हुई थी. हमले की सूचना मिलते ही शहीद के गांव में शोक की लहर छा गई है. 

2. शहीद कमल सिंह रावत

शहीद कमल रावत
शहीद कमल सिंह रावत

वहीं दूसरे शहीद हवलदार कमल सिंह रावत रिखणीखाल तहसील के ही गांव पापरी नोदानु के रहने वाले थे. उनके दो बच्चे, पत्नी और माता जी उनपर आश्रित थे. वे गांव में ही रहते हैं.  

इसके अलावा जम्मू के कठुआ में टिहरी जिले के भी दो जवान शहीद हुए हैं. थाती डागर के आदर्श नेगी और चौंड-जसपुर के विनोद भंडारी ने देश के लिए बलिदान दिया है. 

3. आदर्श नेगी

Adarsh Negi
शहीद आदर्श नेगी

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में टिहरी जिले के निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, लांस नायक विनोद कुमार सिंह भंडारी बलिदान हो गए. इस खबर के बाद उनके घरों में कोहराम मचा है. उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. जानकारी के मुताबिक 26 वर्षीय आदर्श टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर गांव के रहने वाले थे. उनके पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही खेती करते हैं. बताया जा रहा है कि आदर्श ने 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज पिपलीधार से की. 2019 में वह गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे. उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की परीक्षा पास की थी. आदर्श तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनकी बहन की शादी हो चुकी है और भाई चेन्नई में नौकरी करता है. वह इसी साल फरवरी में अपने ताऊ के लड़के की शादी में घर आए थे. सोमवार देर रात उनके बलिदान होने की खबर परिजनों को दी गई. यह जानकारी मिलते ही उनके घर में मातम छाया हुआ है.

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4. विनोद सिंह भंडारी

शहीद विनोद सिंह भंडारी
शहीद विनोद सिंह भंडारी

इधर, जाखणीधार ब्लॉक के चौंड-जसपुर निवासी विनोद सिंह (33) भी कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं. ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह कुमाई ने बताया कि वीर सिंह भंडारी और शशि देवी के पुत्र विनोद 10वीं गढ़वाल राइफल में तैनात थे. वर्तमान में उनका परिवार भानियावाल देहरादून में रहता है. विनोद 2011 में सेना में भर्ती हुए थे. वह घर का अकेला बेटा था. विनोद का 4 साल का बेटा और 4 माह के बेटी है. डेढ़ माह पहले ही वह घर आए थे. गांव में यह सूचना मिलते ही कोहराम मच गया. ग्राम प्रधान ने बताया कि वह और गांव के अन्य लोग भानियावाला के लिए रवाना हो गए हैं.

5. आंनद सिंह 

शहीद आनंद सिंह
शहीद आनंद सिंह

इसके अलावा कठुआ हमले में गढ़वाल के रहने वाले नायब सूबेदार आंनद सिंह भी शहीद हो गए. वे रुद्रप्रयाग जिले के कंदखाल गांव के रहने वाले थे. बीते दिन सोमवार को कठुआ हमले में उनकी भी जान चली गई. 

कठुआ हमले के लिए लोकल गाइड ने आतंकियों को दिया खाना 

आपको बता दें कि कच्ची सड़क होने की वजह से सेना के वाहन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे, तभी दो से तीन आतंकी और कुछ स्थानीय गाइड पहाड़ियों के ऊपर बैठे थे. आंतकियों ने पहले सेना के वाहनों पर ग्रेनेड फेंके और फिर फायरिंग की. यहां पहले हुए हमलों की तरह ड्राइवर को भी निशाना बनाया गया. सूत्रों का कहना है कि इलाके में रेकी के लिए स्थानीय गाइड ने आतंकियों की मदद की थी. इन गाइडों ने आतंकियों को खाना भी मुहैया कराया था और उन्हें पनाह दी थी. हमले को अंजाम देने के बाद इन स्थानीय गाइड ने आतंकियों को छिपने में भी मदद की थी. 

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kathua Terror Attack

हमले में पाकिस्तानी आतंकी थे शामिल

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे. इन आतंकियों के पास अमेरिका में बने M4 कार्बाइन राइफल, एक्सप्लोसिव डिवाइस और अन्य हथियार हैं. ऐसा भी लग रहा है कि आतंकी हमले के बाद बचकल भाग निकलने में कामयाब रहे.

पैरा कमांडो चला रहे सर्च ऑपरेशन तैनात

सेना के पैरा कमांडो (एसपीएल फोर्स) को कठुआ के दूरदराज के माचिन्डी-मल्हार क्षेत्र में हवाई मार्ग से उतारा गया है. उन्हें काउंटर ऑपरेशन में तैनात किया गया है. ताकि उन आतंकवादियों के खिलाफ समय पर प्रभावी काउंटर ऑपरेशन सुनिश्चित किया जा सके. जो आतंकवादी भाग रहे हैं और क्षेत्र से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं. उनपर शिकंजा कसने की तैयारी है.

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