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सुंजवां हमला: J-K में 10 महीने से सक्रिय थे तीनों आतंकी, अब घर के भेदी की तलाश

सुंजवां आर्मी कैंप पर आतंकी हमले के करीब 40 घंटे बाद सेना का जवाबी ऑपरेशन रविवार को खत्म हो गया. सेना ने हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया. इस आत्मघाती हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया गया है.

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 सुंजवां आर्मी कैंप
सुंजवां आर्मी कैंप

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सुंजवां आर्मी कैंप में आतंकी हमले के बाद सेना का जवाबी ऑपेरशन रविवार 11 फरवरी को खत्म हो गया. इस हमले में शामिल तीन आतंकियों को ढेर करने के बाद दूसरे दिन सेना का जवाबी ऑपरेशन करीब 40 घंटे के बाद खत्म हो गया. हालांकि पूरे आर्मी कैंप का सेनेटाइजेशन का काम अभी जारी है, जो 12 फरवरी तक पूरा होगा.

10 महीनों से इलाके में सक्रिय थे आतंकी

'आजतक' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के तीनों आतंकी पिछले 10 महीनों से इस इलाके में सक्रिय थे. अपने स्थानीय साथियों यानी OGW की मदद से इन्होंने इस हमले की रेकी की और फिर इस बड़े हमले को अंजाम दिया. इनके स्थानीय साथियों ने इन्हें हथियार, कपड़े और जरूरी साजो-सामान मुहैया कराया. हमले से पहले कैंप में घुसने के रास्ते और आसपास के इलाके की कई बार रेकी की गई थी.

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आतंकियों को कैसे मिली स्थानीय मदद?

इस आत्मघाती हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के एक गुट का हाथ था. मारे गए तीन आतंकियों के नाम क़री मुश्ताक, मोहम्मद आदिल और राशिद भाई बताया गया है.  सेना और खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच में जुट गई हैं कि इन आतंकियों को स्थानीय मदद कैसे मिली. आतंकियों से बड़ी मात्रा में स्थानीय सामान जिसमें अंडर गारमेंट्स और ड्रॉई फ्रूट्स और दूसरे खाने-पीने का सामान शामिल हैं.

मस्कट में पीएम मोदी को दी गई हमले की जानकारी

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने ऑपेरशन के बारे में एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजित डोभाल को जानकारी दी. एनएसए ने पूरे ऑपरेशन की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी. एनएसए पीएम के साथ मस्कट में विदेश यात्रा पर मौजूद हैं.

रक्षा मंत्री को दी गई हालात की जानकारी

इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने खुद जम्मू पहुंचकर हालात का जायजा लिया. इसके बाद दिल्ली पहुंचकर उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को ताजा हालात की जानकारी दी. आतंकवादियों ने सुंजवां आर्मी कैंप के पीछे से हमला किया था.

आतंकियों के खिलाफ ऐसे की गई कार्रवाई

आतंकियों के खिलाफ सेना के हेलिकॉप्टरों और ड्रोनों की सहायता ली गई. बुलेटप्रूफ वाहनों से कैंप के पीछे के हिस्से में आवासीय क्वार्टर से लोगों को निकाला गया. अधिकारियों द्वारा बचाव अभियान पूरा होने के बाद छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की गई.

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आर्मी कैंप पर हमले पर डिफेंस पीआरओ ने बताया है कि 3 आतंकियों के शव बरामद किए गए हैं और इस हमले में 5 जवानों की शहादत हुई है. जबकि एक जवान के पिता की भी मौत हुई है. उन्होंने बताया कि आतंकियों के हमले में महिला और बच्चों समेत 10 लोग घायल भी हुए हैं.

रविवार को NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम सुंजवां आर्मी स्टेशन पहुंची और एहतियात के तौर पर दमकल की गाड़ियां भी मंगाई गईं. गौरतलब है कि जैश के आतंकियों ने सुंजवां में सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला बोला था और सेना के फैमिली क्वार्टर्स में शरण ली थी. दहशतगर्दों के खात्मे के लिए आर्मी ने इलाके की मजबूत घेराबंदी की. साथ ही सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन में चार एपीसी (आर्म्ड पर्सनल कैरियर) वाहन उतारे.

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