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ई-बैंकिंग-ट्रेड सर्विस, इंटरनेट बैन-धारा 144 का रिव्यू: कश्मीर पर SC की 5 बड़ी बातें

इंटरनेट बैन, धारा 144 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है और एक कमेटी का गठन किया है जो सरकार के द्वारा लगाई रोक का रिव्यू करेगी.

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जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों पर SC की टिप्पणी (फोटो: श्रीनगर, PTI)
जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों पर SC की टिप्पणी (फोटो: श्रीनगर, PTI)

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  • जम्मू-कश्मीर में पाबंदी पर SC की टिप्पणी
  • इंटरनेट अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा: SC
  • पाबंदियों के फैसलों को सार्वजनिक करे सरकार

जम्मू-कश्मीर में बीते काफी समय से लगी पाबंदियों को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. इंटरनेट बैन, धारा 144 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है और एक कमेटी का गठन किया है जो सरकार के द्वारा लगाई रोक का रिव्यू करेगी. इसके साथ ही राज्य प्रशासन को आदेश दिया गया है कि सात दिनों के अंदर सभी फैसलों को सार्वजनिक किया जाए.

जम्मू-कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले

1.    सर्वोच्च अदालत ने जम्मू-कश्मीर में राज्य प्रशासन से ई-बैंकिग पर काम करने की अपील की है. इसके साथ ही ट्रेड सर्विस पर जो रोक लगी हुई थी उसपर भी टिप्पणी की गई है.

2.    इंटरनेट पाबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. SC की टिप्पणी के मुताबिक, इंटरनेट आज के वक्त में अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा है. ऐसे में बेवजह इसपर पाबंदी नहीं लगा सकते हैं, अगर इसपर पाबंदी लगानी है तो आर्टिकल 19 के तहत आने वाले सभी नियमों का पालन होना जरूरी है.

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3.    धारा 144 को काफी लंबे समय तक लागू नहीं किया जा सकता है, इस तरह लंबे समय तक ऐसा आदेश लागू करना सत्ता के दुरुपयोग को दिखाता है. सरकार ने जो फैसले लिए हैं वह किसी तरह से सटीक नहीं बैठते हैं.

4.    सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ एक कमेटी का गठन किया है. राज्य सरकार को सभी फैसलों को सार्वजनिक करने को कहा गया है, ये कमेटी इन्हीं फैसलों का रिव्यू करेगी और रिपोर्ट देगी.

5.    सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि भविष्य में अगर कहीं पर धारा 144 लगाई जाती है, तो फिर सात दिनों के अंदर उसका रिव्यू जरूर होना चाहिए. अदालत ने इसी के साथ फैसलों को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट जाने का रास्ता भी खोल दिया है.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा जम्मू-कश्मीर से जब अनुच्छेद 370 हटाई गई थी, तब से ही काफी पाबंदियां लागू की गई थीं. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं. जम्मू-कश्मीर में अभी कम्युनिकेशन पर पाबंदी है, राजनेताओं के दौरे पर भी पाबंदी है.

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