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पलायन के 27 साल बाद कश्मीर लौटी थीं रजनी बाला, आतंकी आए-नाम पूछा और गोलियां बरसाकर ले ली जान

Kashmir Target Killing: कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अब आतंकियों ने सरकारी स्कूल की एक हिंदू टीचर रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी. मई में आतंकियों ने 7 लोगों की हत्या कर दी.

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रजनी बाला कुलगाम के सरकारी स्कूल में टीचर थीं. (फाइल फोटो-PTI)
रजनी बाला कुलगाम के सरकारी स्कूल में टीचर थीं. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कश्मीर में बढ़ रही टारगेट किलिंग की घटनाएं
  • मई महीने में टारगेट किलिंग की 7 घटनाएं हुईं
  • 1990 जैसा माहौल बनाने की कोशिश में आतंकी

Kashmir Target Killing: कश्मीर घाटी में गैर-मुस्लिमों की हत्या की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. मंगलवार को आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल की टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी. आतंकियों ने कुलगाम में स्कूल में पहुंचकर हिंदू टीचर रजनी बाला के सिर पर गोली मार दी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. 

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कश्मीर में आतंकी 1990 जैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर में आतंकियों ने केमिस्ट एमएल बिंद्रू की हत्या कर दी थी. उसके बाद से ही आतंकी लगातार गैर-मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं. 

रजनी बाला दूसरी ऐसी गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारी थीं, जिसे आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया. इससे पहले 12 मई को आतंकियों ने बड़गाम में तहसील दफ्तर में घुसकर राजस्व अधिकारी राहुल भट की हत्या कर दी थी. 

27 साल बाद घाटी लौटी थीं रजनी बाला

36 साल की रजनी बाला जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थीं. वो अभी कुलगाम के गोपालपुरा के सरकारी स्कूल में टीचर थीं. उनके पति राज कुमार भी कुलगाम के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में हुए पलायन में रजनी के परिवार ने भी घाटी छोड़ दी थी. पलायन के 27 साल बाद रजनी वापस कश्मीर लौटी थीं. उन्हें केंद्र सरकार के पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी.

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रिपोर्ट के मुताबिक, रजनी बाला रोज करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल में बच्चियों को पढ़ाने जाती थीं. वो पिछले 5 साल से गोपालपुर के स्कूल में पढ़ा रही थीं. रजनी बाला ने आर्ट्स में मास्टर किया था. इसके अलावा उनके पास बीएड और एमफिल की डिग्री भी थी.

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रजनी बाला की 13 साल की बेटी. (फाइल फोटो-PTI)

मंगलवार को स्कूल में आखिरी दिन था

घाटी में राहुल भट की हत्या के बाद से सरकारी कर्मचारी सुरक्षित जगह पर अपने ट्रांसफर की मांग कर रहे थे. रजनी के पति राज कुमार ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सोमवार रात को ही उनका और उनकी पत्नी का ट्रांसफर दूसरी सुरक्षित जगह पर किया गया था. मंगलवार को पुराने स्कूल में उनका आखिरी दिन था, लेकिन उसी दिन आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

राज कुमार ने न्यूज एजेंसी से कहा, 'काश, प्रशासन ने पहले ही उनका सुरक्षित जगह पर ट्रांसफर कर दिया होता, तो वो आज शायद जिंदा होती. मैं अपनी किस्मत को कोसता हूं. उनके ट्रांसफर के एक दिन बाद ही आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी.'

राज कुमार और रजनी बाला 2009 से कुलगाम के अलग-अलग स्कूल में पढ़ा रहे थे. राज कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ट्रांसफर के लिए चीफ एजुकेशन ऑफिसर को एप्लीकेशन दी थी. उन्हें बताया था कि वो स्कूल उनकी पत्नी के लिए सुरक्षित नहीं है, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. 

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उन्होंने कहा, 'हमने एक ही स्कूल में पोस्टिंग देने की मांग की थी. हमने स्कूल का नाम भी दिया था और हम दोनों का सोमवार रात को ही ट्रांसफर हुआ था.' उन्होंने आगे बताया कि, 'उन्हें (रजनी) स्कूल छोड़कर मैं अपने स्कूल चला गया था. मैं जब अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि मेरी पत्नी को गोली मार दी गई है और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.'

रजनी बाल कुलगाम में अपने पति और 13 साल की बेटी के साथ रहती थी. मां की हत्या के बाद उनकी छोटी बच्ची भी डरी हुई है. रजनी का परिवार कुलगाम में 14 साल से एक किराये के मकान में रह रहा था.

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रजनी बाला के परिजन. (फाइल फोटो-PTI)

आतंकियों ने नाम पूछा और गोली मार दी

पुलिस ने बताया कि रजनी बाला को स्कूल परिसर में ही आतंकियों ने गोली मारी. गोली लगने के बाद वो जमीन पर गिर गईं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई. 

रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल में आकर आतंकियों ने रजनी से नाम पूछा और उसके बाद उनके सिर पर गोली मार दी. बताया जा रहा है कि गोली लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. 

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कश्मीर में आतंकी गैर-मुस्लिमों की हत्या ऐसे ही कर रहे हैं. वो आते हैं, नाम पूछते हैं और फिर गोली मार देते हैं. राहुल भट को भी आतंकियों ने ऐसे ही गोली मारी थी. आतंकियों ने दफ्तर में घुसकर उनसे नाम पूछा और फिर उनकी हत्या कर दी.

 

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