जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठनों के संयुक्त मंच ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशीप (जेआरएल) ने 7 जुलाई, रविवार को घाटी में पूर्ण बंद का आह्वान किया है. आतंकवादी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर यह बंद बुलाया गया है.
अलगाववादियों के बंद के बीच खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों पर हमले की आशंका जताई है. खुफिया सूत्रों के अनुसार आतंकवादी स्नाइपर और IED से हमला कर सकते हैं. ख़ुफ़िया रिपोर्ट के बाद सेना हाई अलर्ट पर है. घाटी में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं.
गौरतलब है कि वानी की मौत के बाद घाटी में जमकर उपद्रव करने वाले अलगाववादियों ने पिछले वर्ष भी बंद आहूत किया था. इसके कारण अमरनाथ यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालुओं को रोक दिया गया था.
जुलार्ई 2016 में मारा गया था बुरहान
गौरतलब है कि आतंकवाद के पोस्टर ब्वाय और हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडरों में से एक बुरहान वानी को सेना ने 8 जुलाई 2016 को मार गिराया था. तत्कालीन रिपोर्ट्स के अनुसार बुरहान वानी को उसकी एक गर्लफ्रेंड के माध्यम से बुलवाया गया था.
वह जिस मकान में था, उसमें आग लगा दी गई थी. जान बचाने के लिए बाहर निकले वानी को मार गिराया गया था.
भड़की हिंसा में मारे गए थे दर्जनों, हजारों हुए थे घायल
बुरहान के मारे जाने के बाद घाटी हिंसा की आग में सुलग उठी थी. कश्मीर में हुई हिंसक घटनाओं में दर्जनों लोग मारे गए थे, जबकि कर्ई सैनिक भी शहीद हो गए थे. हजारों नागरिक और सैनिक घायल हो गए थे.
आतंकवादी बुरहान का जिक्र पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में किया था. नवाज ने बुरहान को युवा नेता कहा था, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. वहीं उसके हेडमास्टर पिता मुजफ्फर वानी ने कहा था कि यह मुझे अच्छा लगा.