जम्मू कश्मीर में बीते कुछ दिनों से टारगेट किलिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं. दरअसल, यहां घाटी में आतंकी आम लोगों को लगातार अपना निशाना बना रहे हैं. टारगेट किलिंग की वारदातों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी नए-नए तरीके अपना रहे हैं. वारदात को अंजाम देने से पहले टारगेट की पूरी रेकी की जाती है, फिर मौका पाकर मौत के घाट उतार दिया जाता है. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) के नाम की आड़ में जम्मू कश्मीर समेत भारत के अलग-अलग राज्यों में आतंकी वारदातों को अंजाम दिलवा रही है ?
ISKP की मैगजीन 'वॉयस ऑफ हिन्द' (Voice Of Hind) में एक बार फिर हिन्दुस्तान के खिलाफ ISKP की साजिश का खुलासा हुआ है. मैगजीन में एक फोटो है जिसमें एक गोलगप्पे वाले को पीछे से गोली मारते हुए दिखाया गया है और लिखा गया है 'वी आर कमिंग' (We Are Coming). ISKP ने जम्मू कश्मीर में गोलगप्पे वाले की हत्या के बाद गोली मारते हुए का वीडियो भी जारी किया था.
जम्मू कश्मीर में फैले हुए हैं ISKP के स्लीपर सेल
मैगजीन में हिंदू देवी देवताओं की त्रिशूल वाली फोटो भी है. तो क्या हिंदू मंदिर और त्योहार को भी निशाना बनाना था? बता दें कि कुछ दिन पहले ही कई आतंकी पकड़े गए जो त्योहारों में धमाका करने की प्लानिंग कर रहे थे.
सुरक्षा एजेंसियों ने अभी हाल में ही एलर्ट जारी किया था कि आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए कई छोटे-छोटे संगठन भी बनाए गए हैं जो 'टारगेट किलिंग' की जिम्मेदारी लेंगे.
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों को चुनौती
ISKP ने अपनी इस मैगजीन के माध्यम से हिन्दुस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसियो को चुनौती दी है. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) ने 'वॉयस ऑफ हिन्द' (Voice Of Hind) के 20वें संस्करण में इंटेलिजेंस एजेंसियों को दी चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें रोका नहीं जा सकता है.
'वॉयस ऑफ हिन्द' का 21वां संस्करण
अभी फिर से 'वॉयस ऑफ हिन्द' का 21वां संस्करण जारी किया गया है. इसमें जमीयत उलेमा हिंद को लेकर इस्लामिक स्टेट ने एक लेख लिखा है. बता दें कि नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) इस मैगजीन पर एफआईआर दर्ज कर पहले से ही जांच कर रही है. एजेंसी ने इस मामले में देशभर में छापेमारी करके कई लोगों को गिरफ्तार किया है. बावजूद इसके इस जिहादी पत्रिका का प्रकाशन लगातार किया जा रहा है. एजेंसियों का मानना है कि इनकी पत्रिका के संस्करण देश के बाहर भी पब्लिश हो रहे हैं. ये लोग सोशल मीडिया के ज़रिए भारत में बैठे लोगों तक इसे पहुंचा रहे हैं.