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ये पांच मुद्दे सुलझे, तो ही बनेगी J&K में पीडीपी-बीजेपी सरकार

जानकारों का मानना है कि अगर ये दोनों मिलकर सरकार बनाएं, तो राज्य का भला होगा. लेकिन इसमें बहुत से पेंच हैं. आइए देखते हैं कि वे पांच क्या मसले हैं जो दोनों को मिलकर सरकार बनाने से रोक रहे हैं.

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Narendra Modi
Narendra Modi

जहां झारखंड में स्पष्ट जनादेश है वहीं, जम्मू-कश्मीर में यह खंडित है. हालांकि बीजेपी वहां दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन वह अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. यही हाल मुफ्ती मोहम्मद सईद की पार्टी पीडीपी का है, जो पहले नंबर पर तो है लेकिन सरकार बनाने के लिए जोड़ीदार की तलाश कर रही है.

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जानकारों का मानना है कि अगर ये दोनों मिलकर सरकार बनाएं, तो राज्य का भला होगा. लेकिन इसमें बहुत से पेच हैं. आइए देखते हैं कि वे पांच क्या मसले हैं जो दोनों को मिलकर सरकार बनाने से रोक रहे हैं.

1. पीडीपी और बीजेपी की विचारधारा अलग-अलग हैं. चुनाव में दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़े और पार्टी बीजेपी की हिन्दूवादी विचारधारा से इत्तेफाक नहीं रखती. अगर जम्मू-कश्मीर के मामले में पार्टी अपनी विचारधारा में बदलाव दिखाती है तो वह उसका साथ दे सकती है.

2. पीडीपी कांग्रेस की ओर ज्यादा झुकाव रखती है. लेकिन पीडीपी की समस्या है कि कांग्रेस को राज्य में खारिज किया जा चुका है और उसके प्रति लोगों में कोई झुकाव नहीं है. उसके साथ जुड़कर पार्टी को कुछ नहीं मिलेगा. अगर बीजेपी उसे यह भरोसा दे कि पार्टी उसे विकास के लिए बिना शर्त फंड देगी, तो बीजेपी के साथ सरकार बन सकती है.

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3. बीजेपी नेशनल कॉन्फ्रेंस को पूरी तरह नकार दे. अगर वह उसे छोड़कर सरकार बनवाने में दिलचस्पी दिखाती है, तो पीडीपी के साथ बात बन सकती है.

4. अगर बीजेपी पीडीपी को यह आश्वासन दे कि वह छह वर्षों तक मुफ्ती मोहम्मद सईद को राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने देगी, तो बात आगे बढ़ सकती है. पीडीपी चाहती है कि सईद वहां बिना रोक-टोक अपना कार्यकाल पूरा करें.

5. बीजेपी को यह ध्यान रखना होगा कि आरएसएस, बजरंग दल जैसी पार्टियां कश्मीर का माहौल न खराब करें. जम्मू-कश्मीर धर्म के लिहाज से बहुत ही संवेदशील राज्य है. यहां अगर पार्टी सयंम से काम लेगी तो पीडीपी उसका साथ देगी. इसके लिए पीएम मोदी और अमित शाह को खुद पहल करनी होगी.

अगर ये पांच बातें पूरी होती हैं तो जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी की सरकार बन सकती है. अगर बीजेपी सरकार में शामिल नहीं हुई तो इससे जम्मू के लोगों को नुकसान होगा, क्योंकि उन्होंने उन्हें थोक में वोट दिए हैं और वे भी विकास चाहते हैं.

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