जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जवान सलीम की जान लेने वाले आतंकियों से सुरक्षा बलों ने बदला ले लिया है. कुलगाम में चले ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया है. बताया जा रहा है कि तीनों मारे गए आतंकी उसी आतंकी संगठन का हिस्सा हैं जिन्होंने शुक्रवार रात ट्रेनी कांस्टेबल सलीम को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के खुदवानी इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया. सेना भी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया और तीन आतंकियों को मार गिराया. इसमें दो स्थानीय और एक लश्कर ए तैयबा का आतंकी था.
3 terrorists were killed in Kulgam early morning today. They were involved in abduction&killing of one police constable (Mohammad Saleem) yesterday. Bodies of the terrorists & 2 AK-47 rifles recovered. One terrorist was associated with LeT, other two were locals: SP Vaid, DGP J&K pic.twitter.com/jiAGycL9Tt
— ANI (@ANI) July 22, 2018
आतंकियों ने कुलगाम के रहने वाले ट्रेनी कांसटेबल सलीम शाह को शुक्रवार रात उसके घर से किडनैप कर लिया था, जिनका पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर कुलगाम के कैमोह में मिला. देखने में आया है कि आतंकी छुट्टी पर गए जवानों और पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं. सलीम शाह की हत्या इसका चौथा उदाहरण है.
सलीम छुट्टी पर अपने घर कुलगाम के मुतलहामा आए हुए थे, जिन्हें आतंकियों ने शुक्रवार की रात किडनैप कर लिया. सलीम को हाल ही में प्रमोशन मिला था और वो ट्रेनिंग के बाद घर लौटा था. सलीम के पार्थिव शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि उसे क्रूर तरीके से प्रताड़ित किया गया होगा. पार्थिव शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है.
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच इस ओर इशारा कर रही है कि यह कायराना हरकत आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की हो सकती है. बता दें कि एक महीने पहले भी जवान का अपहरण कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. आतंकियों ने ईद मनाने घर जा रहे 44 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन औरंगजेब का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी.
यही नहीं, 7 जुलाई को जम्मू कश्मीर के परिवान गांव में एक और पुलिस कांस्टेबल जावेद अहमद डार का पार्थिव शरीर मिला था. जावेद डार को 6 जुलाई को एक दवा की दूकान के पास से किडनैप किया गया था. जावेद ने पुलिस महकमे को बताया था कि वो अपनी मां को दवाई देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी मां को दवाइयों की जरूरत है, वो हज के लिए जाने वाली हैं. चश्मदीदों के मुताबिक एक कार में तीन से चार हथियारबंद आतंकवादी आए. आतंकवादियों ने हवा में फायरिंग की और बंदूक के दम पर जावेद को अपने साथ कार में बिठाकर ले गए.
पिछले साल मई के महीने में आतंकियों ने 23 साल के कश्मीरी आर्मी अफसर की हत्या कर दी थी. उमर फयाज नाम का यह आर्मी अफसर शोपियां जिलें में स्थित अपने घर से 4 किलोमीटर की दूरी पर एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे. इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी.