तमाम सियासी माथापच्ची और राजनीतिक जोड़-घटाव के बाद जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-PDP गठबंधन की सरकार बन गई है. दोनों दल न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत गठजोड़ को राजी हो गए हैं, लेकिन रविवार को सरकार बनते ही विचारों का टकराव भी सामने आने लगा है. सीएम पद की शपथ लेने के ठीक बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने विवादित बयान दे दिया. दबे शब्दों में ही सही उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान माहौल बनाने के लिए पड़ोसी मुल्क को शुक्रिया कहा, वहीं बीजेपी नेता वेंकैया नायडू ने भी स्पष्ट किया धारा 370 को लेकर पार्टी के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
यह बात इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि दोनों दलों के बीच सियासी गठजोड़ का पेच जिन मुद्दों पर फंसा था, उनमें धारा 370 और AFSPA प्रमुख हैं. बहरहाल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने को लेकर बीजेपी अभी भी अपने विचार से नहीं डिगी है.
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी ने पीडीपी के साथ सरकार गठन को लेकर समझौता किया है, वेंकैया ने कहा, 'हम अपने रुख पर कायम हैं और हमेशा कायम रहेंगे.' मंत्री ने कहा कि धारा 370 को समाप्त करने के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है, तभी संविधान में संशोधन किया जा सकता है. इस ओर पीडीपी की सहमति पर उन्होंने कहा, 'वे क्यों हमारे रुख को स्वीकारेंगे और हम क्यों उनके रुख को स्वीकारेंगे?'
नायडू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन उन्हीं मुद्दों पर आगे बढ़ेगा, जिन पर सहमति है. मंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार का गठन बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए खुशी का क्षण है. नायडू ने कहा, 'बीजेपी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी अपनी पूरी जिंदगी जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ में विलय कराने के लिए लड़ते रहे. यह खुशी का अवसर है कि देश के इतिहास में पहली बार जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के सहयोग से गठबंधन सरकार बनी है.'
-इनपुट IANS से