अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा है कि पाकिस्तान का झंडा फहराना कोई गुनाह नहीं है. आपको बता दें कि त्राल इलाके में एक रैली के दौरान कुछ लोगों ने पाकिस्तान का झंडा लहराया था. जिससे नाराज राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी.
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता अयाज अकबर ने गिलानी के हवाले से कहा, 'त्राल में आयोजित रैली में सिर्फ पार्टी के झंडे को लगाया गया था लेकिन कुछ अति-उत्साही युवकों ने इस दौरान पाकिस्तान का झंडा लहराया. ये जम्मू-कश्मीर के लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि कश्मीर के लोग पाकिस्तान से प्यार करते हैं.'
हुर्रियत के प्रवक्ता अयाज अकबर ने यहां एक बयान में बताया कि वर्ष 1983 में राज्य उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक पाकिस्तानी झंडे लहराना किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता. किसी झंडे को लहराने को किसी देश के खिलाफ युद्ध की घोषणा के तौर पर नहीं लिया जा सकता.
प्रवक्ता ने दलील दी कि पाकिस्तानी झंडे और हुर्रियत कांफ्रेंस के झंडे में आधा चांद और सितारे एक जैसे हैं जो कि महज एक संयोग है क्योंकि ये चिह्न लंबे समय से इस्लाम से जुड़े रहे हैं. कार्रवाई किए जाने संबंधी मुख्यमंत्री के कल के बयान पर प्रवक्ता ने कहा, गिलानी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का सईद का बयान पूरी तरह से हताशा भरा है. उन्होंने कहा कि सईद बखूबी जानते हैं कि इसमें नया कुछ भी नहीं है. जब कभी पाकिस्तान क्रिकेट टीम कोई मैच जीतती है तो झंडे लहराए जाते हैं और पटाखे छोड़े जाते हैं.
क्या है पूरा मामला
कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने 1 मई को अमरनाथ यात्रा को लेकर एक विवादित बयान दिया था. गिलानी ने को कश्मीर के त्राल में कहा था कि अमरनाथ यात्रा 30 दिनों से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए.
इस रैली में पाक समर्थक नारे लगे थे और पाकिस्तानी झंडे लहराए गए थे. गिलानी की 15 अप्रैल को आयोजित रैली में भी समर्थकों ने पाकिस्तानी झंडे लहराए थे जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. गिलानी के करीबी सहायक मसरत आलम और अन्य के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य मामले दर्ज किए गए थे. अगले दिन मसरत को गिरफ्तार किया गया था.