जम्मू- कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चीफ यासीन मलिक को शोपियां में पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वह शोपियां फायरिंग में मारे गए नागरिकों के परिवार से मिलने के लिए और मार्च में जाने की कोशिश कर रहे थे.
बता दें कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और मोहम्मद यासीन मलिक ने ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप के बैनर तले शोपियां जिले तक मार्च का आह्वान किया था.
श्रीनगर और शोपियां के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिए गए. ताकि अलगाववादियों की रैली निकालने की योजना को नाकाम किया जा सके. कथित तौर पर सेना की ओर से हुई गोलीबारी में आम नागरिकों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों की रैली निकालने की योजना थी.
इन इलाकों में लगाए गए प्रतिबंध
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के नोहट्टा, खानयार, रैनावारी, महाराजगंज और सफाकदाल थाना क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि शहर के मैसूमा और करालखुद पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले कुछ इलाकों में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. शोपियां जिले में लोगों की आवाजाही और परिवहन पर भी प्रतिबंध लगाया गया. आपात सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है.
बता दें कि शोपियां के गानोपोरा गांव में 27 जनवरी को सेना के काफिले पर भीड़ ने हमला किया. इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले पर विवाद बढ़ता देख एक रक्षा प्रवक्ता सामने आए और कहा कि भीड़ ने एक जूनियर कमीशंड अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने की कोशिश की और उनका हथियार छीन लिया. इसके बाद जवानों ने गोलियां चलाईं.