जम्मू कश्मीर की शीतल वादियों में सुरक्षा बलों की हलचल ने गर्मी पैदा कर दी है. सैन्य बलों की अतिरिक्त तैनाती के बीच राजनीतिक दलों में भी बेचैनी है. सभी दलों ने संयुक्त मीटिंग कर बयान जारी किया है कि घाटी के लोगों में दहशत है. इन सबके बीच दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक की मौत की खबर सोशल मीडिया पर चलने लगी. रविवार की सुबह से ही पाक मीडिया ने भी इस झूठी खबर को खूब दिखाया.
पूरे दिन अफवाहों का बाजार गर्म रहने के बाद रविवार की रात तिहाड़ जेल प्रशासन को बयान जारी करना पड़ा. जेल के एडिशनल आईजी राजकुमार ने बयान जारी कर कहा है कि यासीन मलिक की मौत की खबर अफवाह है. वह तिहाड़ जेल में ही हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं.
दूसरी ओर सोशल मीडिया पर जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की मौत की खबर चलने लगी. यासीन मलिक की पाकिस्तानी पत्नी ने भी यासीन की मौत की खबर को ट्वीट करके उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी मांगी थी. इसके बाद अफवाहों को और हवा मिल गई थी.
बता दें कि यासीन की रिहाई की मांग को लेकर परिजन दो दिन पहले सड़क पर उतर आए थे. श्रीनगर की सड़क पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए परिजनों ने यासीन की हालत खराब बता जेल प्रशासन पर उपचार न कराने का आरोप लगाया था. परिजनों ने टेरर फंडिंग, रुबिया सईद के अपहरण और एयरफोर्स के कर्मचारियों पर हमले के मामले में बंद चल रहे मलिक को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की मांग की थी.