14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ. कुल 41 जवानों में शहीद हुए झारखंड के गुमला जिले के बसिया प्रखंड अंतर्गत फरसामा के लाल हवलदार विजय सोरेंग के शहीद होने के दो साल पूरे हो गए. शहीद विजय की माता लक्ष्मी देवी और पिता बिरिस का कहना है कि बेटे के शहीद हुए दो साल हो गए पर अब भी विश्वास नहीं होता.
(इनपुट- मुकेश गुमला)
शहीद विजय सोरेंग सीआरपीएफ की 82 वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. 1993 में वे सेना में भर्ती हुए थे और 1995 में एसपीजी के कमांडो दस्ता में शामिल हुए. विजय की माता और पिता को अपने बेटे की देश सेवा में शहीद होने पर गर्व है. बिरिस सोरेंग ने बताया कि दो साल हो गए पर अब भी विश्वास नहीं होता, लगता है कि बेटा कहीं से वापस घर लौटेगा.
उन्होंने बताया कि मैं खुद फौज की नौकरी से रिटायर हुआ हूं और बेटे के देश की सेवा में शहीद होने पर गर्व है. शहीद विजय के भाई संजय ने कहा कि भाई के शहीद हुए 2 वर्ष हो गए लेकिन लगता है वह अभी भी ड्यूटी में तैनात हैं.
शहीद विजय की पहली पत्नी झारखंड पुलिस में कार्यरत हैं. वहीं दूसरी पत्नी बिमला अपने मायके सिमडेगा में ही रहती हैं. पहली पत्नी से एक बेटा 22 साल का अरुण है. अरुण ने सरकार से सिविल में नौकरी की मांग की थी. इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौपा हैं. वहीं शहीद विजय की दूसरी पत्नी से तीन बेटी और एक बेटा है.
पिता बिरिस ने बताया कि मातृभूमि की रक्षा में शहीद होकर गांव का नाम रोशन करने वाले मेरे बेटे शहीद विजय का गांव अभी भी उपेक्षित है. गांव में पेयजल की भारी समस्या है. यहां तक आने वाली सड़क भी काफी जर्जर है. प्रशासन से मांग रखी गई थी कि कुम्हारी तालाब चौक को विजय चौक बना कर वहां शहीद की प्रतिमा लगाई जाए, शहीद के नाम से स्टेडियम का निर्माण कराया जाए एवं शहीद के घर तक आने वाली सड़क का निर्माण किया जाए. लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं हुई है.
इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी बसिया रविन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि गांव में जल्द ही मूलभूत सुविधा पानी, सड़क सहित अन्य सरकारी सुविधा बहाल कर शहीद के गांव फरसामा को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा. पिता ने बताया कि बेटे के शहीद होने के बाद एक फ्लैट निर्माता कंपनी ने परिजनों को रांची में एक फ्लैट देने की घोषणा की थी, इसके लिए हमें जमीन भी दिखाया गया था पर अब तक फ्लैट नहीं दिया गया.