झारखंड के कोडरमा की लोकल कोर्ट ने पत्रकार निरुपमा पाठक की संदिग्ध मौत के मामले में पांच साल बाद सोमवार को उसके मित्र प्रियभांशु रंजन को बरी कर दिया.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज अरुण कुमार सिंह की कोर्ट ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर 29 अप्रैल, 2010 को कोडरमा स्थित अपने घर पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं दिल्ली की पत्रकार निरुपमा पाठक के मित्र प्रियभांशु को निर्दोष करार दिया.
इस मामले में निरुपमा पाठक की मां सुधा पाठक की शिकायत के आधार पर प्रियभांशु के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा चलाया गया. पत्रकार निरुपमा पाठक को उसकी मां के घर में कोडरमा में पंखे से लटकता हुआ पाया गया था, जिसके बाद उसकी मां और परिजनों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
इनपुट भाषा