झारखंड में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वितीय वर्ष 2022-23 के लिए कुल 1 लाख, 1 हजार, 101 करोड़ का बजट पेश किया है. इसमें स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा और खाद्यान वितरण को प्रायोरिटी में रखा गया है. पहले के बजट की तुलना में स्वास्थ्य में 27 प्रतिशत, पेयजल में 20 फीसदी, शिक्षा में 6.5 प्रतिशत और खाद्यान वितरण में 21 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने आज विधानसभा में पेश बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह नए झारखंड के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा. पार्टी नेताओं ने जनाकांक्षी बजट पेश करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव से मुलाकात कर उन्हें बधाई भी दी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि स्वास्थ्य, पेयजल और खाद्यान्न वितरण जैसे सामाजिक प्रक्षेत्रों को केंद्र बिंदु मान कर विकासोन्मुख बजट पेश किया गया है. वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के कुशल नेतृत्व और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्ग-निर्देशन में तमाम विपरीत परिस्थितियों में चुनाव घोषणा पत्र में किए गए हर वायदे को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में गरीब और किसानों को बिजली बिल में राहत देने के लिए 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का निर्णय लिया गया है. वहीं अलग झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य सरकार ने राज्यवासियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए जन वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रति माह 60 लाख परिवारों को दाल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में 27 प्रतिशत राशि में बढ़ोत्तरी यह दर्शाता है कि सरकार लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छी आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराना चाहती है. राज्य सरकार की ओर से सस्ते दर पर एयर एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. जबकि 40 हजार लाभुकों को स्वरोजगार देते हुए आय का स्त्रोत बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को गर्म पोशाक दी जाएगी, गणित एवं विज्ञान के लैब और शिक्षकों को 42 हजार टैब उपलब्ध कराया जाएगा.
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि झारखंड सरकार ने सभी को पक्का मकान उपलब्ध कराने की दिशा में एक और कारगर कदम उठाया है, इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्टेट फंड से एक अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए 50 हजार रुपये प्रति आवास की दर से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.