केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की यहां स्थित विशेष अदालत ने शनिवार को करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में 23 लोगों को दोषी करार दिया और सभी को तीन से पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई.
सीबीआई अदालत के न्यायाधीश बीके गौतम ने चारा घोटाला मामले से जुड़े रांची के डोरंडा कोषागार से 1981 एवं 1990 के बीच 7.06 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में अपना फैसला सुनाया. अदालत ने 23 को दोषी ठहराया और 10 को बरी कर दिया. अदालत ने दोषियों को तीन से पांच वर्ष कैद और 10 लाख रुपये तक जुर्माना किया.
अविभाजित बिहार में 1996 में चारा घोटाला सामने आया. झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद 54 मामले यहां स्थानांतरित किए गए. विभिन्न सीबीआई अदालतों में अभी 47 मामले लंबित हैं. एक मामले में बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र दोषी ठहराए जा चुके हैं और उन्हें कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. दोनों पांच अन्य मामलों में भी आरोपी हैं.