हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में संलिप्तता के आरोप के कारण जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को उच्च न्यायालय ने राज्य प्रदूषण बोर्ड से जुड़े नब्बे लाख रुपये के कथित घपले में जमानत दे दी.
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एच सी मिश्रा की एकल पीठ ने वर्ष 2010 में कोड़ा के खिलाफ दर्ज इस मामले में उन्हें आज जमानत दे दी. हालांकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जुड़े दो अन्य मामलों में अभी जमानत नहीं मिलने के कारण कोड़ा फिलहाल जेल में ही रहेंगे.
मधु कोड़ा को आज झारखंड प्रदूषण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष आरके सिन्हा की नियुक्ति में कथित अनियमितता कर नब्बे लाख रुपये का घोटाला करने के मामले में जमानत मिली. कोड़ा पर चलाये जा रहे इस मामले में जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि विनोद सिन्हा और रोहिताश कृष्णन ने सुबोध कुमार दुबे को इस संबंध में नब्बे लाख रुपये दिये थे. दुबे ने पूछताछ में जांच एजेंसियों और आयकर विभाग को बताया कि नब्बे लाख रुपये उसने संजय पोद्दार को दिये थे. पोद्दार ने पूछताछ में बताया था कि यह रुपए उसने कोड़ा के साथियों के कहने पर उनके बताये लोगों में बांटे थे.
इस मामले में बचाव पक्ष ने अदालत में कहा कि आरके सिन्हा को अध्यक्ष बनाने की अनुशंसा तत्कालीन वन एवं पर्यावरण सचिव ने की थी, जिसे तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री ने भी स्वीकृति दी थी. बाद में यह फाइल मुख्यमंत्री के पास आयी तो उन्होंने उसे अपने मंजूरी दी थी. इस मामले में जब उक्त सचिव और मंत्री आरोपी नहीं हैं तो कोड़ा ही इस मामले में कैसे दोषी हो सकते हैं.
बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि कथित रूप से धन किसे दिया गया, क्यों दिया गया और उसमें मधु कोडा की भी कोई भूमिका थी या नहीं यह बात एजेंसी साबित नहीं कर सकी है.
इस मामले जमानत मिलने के बाद भी मधु कोड़ा यहां बिरसा मुंडा जेल में ही रहेंगे, क्योंकि उन्हें दो अन्य मुख्य मामलों में अब तक जमानत नहीं मिल सकी है. इस मामले में कोडा की जमानत याचिका निचली अदालत ने इस वर्ष के प्रारंभ में खारिज कर दी थी. सीबीआई के सूत्रों ने यहां बताया कि मधु कोड़ा खिलाफ अभी सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मुख्य मामलों और प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमें में जमानत नहीं मिली है.
प्रवर्तन निदेशालय से जुड़े हवाला घोटाले में मधु कोड़ा की जमानत याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में 22 अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है.
इससे पूर्व आय से अधिक संपत्ति मामले में कोड़ा को इस वर्ष झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है. गौरतलब है कि मधु कोड़ा को तीस नवंबर, 2009 को विभिन्न घोटालों में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा देश भर में 69 स्थानों पर छापेमारी के बाद चाईबासा से झारखंड निगरानी ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था.
आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि छापों में कोडा और उनके साथियों के यहां से विदेशों में हवाला के माध्यम से ढाई हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के प्रमाण मिले थे. मधु कोडा पर वर्ष 2006 से 2008 के बीच 23 माह के कार्यकाल में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप है.