गुजरात के अहमदाबाद में साल 2008 में हुए बम धमाका मामले में कोर्ट ने 49 लोगों को दोषी करार दिया है जबकि इस मामले में 28 लोगों को बरी कर दिया है.
रांची के बरियातू के रहने वाले मंजर इमाम और दानिश को कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया है जबकि आजमगढ़ के रहने वाले 4 लोगों को इसमें दोषी करार दिया है और तीन लोगों को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है.
21 जून 2011 को दानिश को गुजरात के वडोदरा स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था. वहीं 3 मार्च 2013 को मंजर इमाम को रांची के कांके इलाके से एनआईए ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, धमाके के 13 साल बाद दोनों यानी मंज़र और दानिश को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने रिहा कर दिया.
वहीं इस धमाके की जांच में आजमगढ़ के 07 लोगों की भी संदिग्ध भूमिका नजर आई थी. इन सात आरोपियों में से कोर्ट ने चार लोगों को दोषी माना जबकि तीन लोगों को बरी कर दिया.
कोर्ट के द्वारा दोष पाए गए युवकों के परिजन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है, परिजनों का कहना है कि अभी फैसला आना बाकी है और उन्हें उम्मीद है कि जैसे जिले के तीन युवक बरी हुए है वैसे ही वो भी छूट जाएंगे.
साल 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों में 59 लोग मारे गए थे. मास्टरमाइंड आजमगढ़ जिले के रहने वाले अबुल बशर को बताया गया था. अबुल बशर का अहमदाबाद ही नहीं लखनऊ, जयपुर और दिल्ली में हुए बम धमाकों भी नाम सामने आया था.
इसके गैंग को इंडियन मुजाहिद्दीन आज़मगढ़ मॉड्यूल के नाम से चिन्हित किया गया था. मूलरूप से सरायीर थाना क्षेत्र के बीनापार निवासी अबुल बशर को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि अबुल बशर इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है.
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