scorecardresearch
 

झारखंड मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें! कांग्रेस कोटे के मंत्री में बदलाव के संकेत

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव दिल्ली बुलाए गए हैं. वो बिना किसी सूचना के ही मंगलवार की सुबह दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने दिल्ली में केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की है.

Advertisement
X
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव दिल्ली बुलाए गए
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी दिल्ली रवाना

झारखंड मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबरें फिर से तेज हो गई हैं. बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार के कांग्रेस कोटे के मंत्री में फेरबदल संभव है. साथ ही कांग्रेस की तरफ से सरकार में खाली पड़े मंत्री पद पर मंथन होने की संभावना है. 

Advertisement

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव दिल्ली बुलाए गए हैं. वो बिना किसी सूचना के ही मंगलवार की सुबह दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने दिल्ली में केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की है. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी दिल्ली के लिए रवाना हो गए. कोरोना काल में आई राजनीतिक मंदी के बाद एक बार फिर से झारखंड की राजनीति में फेरबदल होना बताया जा रहा है.

रामेश्वर उरांव के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर झारखंड में राजनीति अपने चरम पर है. कई बार कांग्रेसियों ने खुलकर रामेश्वर उरांव का विरोध किया, लेकिन बात नहीं बनी. बात नहीं बनने की वजह से कांग्रेस के वरीय नेताओं में नाराजगी साफ तौर से देखी जा रही थी. वहीं कांग्रेस कोटे से एक मंत्री का बदले जाने की चर्चा भी जोरों पर है. बताया जा रहा है कि किसी नए चेहरे को भी मंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है.

Advertisement

हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें गठबंधन में शामिल कांग्रेस और जेएमएम आमने-सामने दिखे. कांग्रेस के दो विधायकों पर एफआईआर भी दर्ज हुआ. लेकिन लाख आरोप लगने के बावजूद सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर मामला ना दर्ज होने से कांग्रेस खेमे की नाराजगी देखी जा रही थी. 

पूरे मामले पर रामेश्वर उरांव का चुप रहना भी कांग्रेसियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था. अंदर ही अंदर सरकार और रामेश्वर उरांव के खिलाफ गोलबंद हो रहे थे. बताया जा रहा है कि राज्य के प्रभारी आरपीएन सिंह भी इन सारे मामलों पर चुप्पी साधे हुए थे. इसलिए झारखंड के वरीय कांग्रेसियों ने अपनी बात सीधा आलाकमान तक पहुंचायी, जिसके बाद से ही कांग्रेस में राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हुआ.

Advertisement
Advertisement