झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को मदर टरेसा की संस्था निर्मल ह्रदय का दौरा किया और वहां लोगों से मिलकर स्थिति का जायजा लिया. वहां से लौटने के बाद झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल ने आरोप लगाया कि निर्मल हृदय के बारे में जो भी बातें मीडिया में आ रही हैं, वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से प्रभावित बीजेपी सरकार की एक चाल है.
उन्होंने कहा कि सरकार पूरे मामले की जांच कराए और उसके बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे. सरकार मिशनरीज ऑफ चैरिटी का मीडिया ट्रायल करा रही है, जिसको रोका जाना चाहिए. बता दें कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी की एक सिस्टर और कर्मचारी की मिलीभगत से रांची में एक बेबस मां के नवजात को बेचे जाने के खुलासे के बाद से इस पर राजनीति शुरू हो गई है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर ओरांव निर्मल ह्रदय गए थे. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के साथ अन्याय हो रहा है.
वहीं, मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम में अवैध रूप से नवजातों की बिक्री के मामले में पुलिस चैरिटी होम की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया और अणिमा को चार दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर नवजात की बिक्री के आरोप में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम की एक सेविका अणिमा इंदवार को पुलिस ने चार जुलाई को हिरासत में लिया था.
इसके साथ ही दो और सिस्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी. आरोप है कि चैरिटी होम की महिला संचालक के साथ मिलकर कई नवजात को अब तक बेचा जा चुका है. पुलिस को दिए बयान में एक सिस्टर और सेविका ने ये स्वीकारा कि हाल ही में एक बच्चे के एवज में 1.20 लाख रुपये तक लिए गए थे.
पुलिस का भी कहना है कि खुद अणिमा और कोनसीलिया ने स्वीकार किया था कि वो अब तक कई नवजात शिशुओं को बेच चुकी हैं. आरोपी सेविका अणिमा ने स्वीकार किया था कि उसने तीन नवजात शिशुओं को बेचा है, जबकि सिस्टर कोनसीलिया ने पुलिस को कहा था कि एक बच्चे को सदर अस्पताल से डिलवरी के बाद बेचा गया.