झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले का मुख्य आरोपी भैरव सिंह ने कोर्ट में खुद को सरेंडर किया है. भैरव सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इस मामले में पहले ही दो थाना प्रभारी को सस्पेंड किया जा चुका है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि इस घटना के लिए जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. सोरेन ने कहा है कि उनके काफिले पर हमला एक सोची समझी साजिश थी, जिससे कि उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सके. कानून अपना काम करेगा. ये सबके लिए बराबर है.
इस मामले की जांच के लिए सीनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया है. कमेटी से जल्द से जल्द विस्तरित रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक को लेकर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
एसएसपी सुरेंद्र झा के मुताबिक 65 लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. 40 लोग हिरासत में लिए गए हैं और 25 को जेल भेजा गया है. इस प्रकरण को लेकर अब बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है.
जेएमएम महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य के मुताबिक ये हमला एक सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है, जिससे कि मुख्यमंत्री को चोट पहुंचाई जा सके. वहीं बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में बढ़ते रेप केसों का हवाला देते हुए कहा है कि पिछले एक साल में राज्य में 1765 ऐसी वारदात हुईं. लेकिन पुलिस ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाने की जगह आंदोलन करने वाले निर्दोष लोगों को निशाना बना रही है.
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क्या है मामला?
झारखंड की राजधानी रांची में मंगलवार शाम को किशोरगंज चौक पर सीएम के काफिले को क्लीयरेंस देने को लेकर जमकर बवाल हुआ. जानकारी के मुताबिक अल्बर्ट एक्का चौक की तरफ भारी संख्या में लोग जा रहे थे. इसमें महिलाएं भी थी. इसी बीच सीएम के काफिले को क्लीयरेंस देने के लिए पुलिस की जिप्सी किशोरगंज चौक पहुंची और वहां भीड़ देखते ही पुलिस सख्ती के साथ रोड से गुजर रही भीड़ को हटाने लगी. इसी को लेकर विवाद बढ़ गया.
किशोर गंज चौक पर तैनात ट्रैफिक और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ लोगों की झड़प हो गई. इसी बीच सीएम का काफिला भी पहुंच गया. जानकारी के मुताबिक आक्रोशित भीड़ की तरफ से काफिले पर पत्थर फेंका गया.