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झारखंड: विधानसभा से रोते हुए निकले BJP विधायक, बोले- दलित होने की वजह से बोलने नहीं दिया

चंदनकियारी से भाजपा विधायक अमर बाउरी जब विधानसभा से रोते हुए बाहर निकले तो हर कोई हैरान रह गया. वे विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्य स्थगन नहीं पढ़ने देने से नाराज थे. मीडिया से बातचीत में बाउरी ने कहा, दलित होने की वजह से उन्हें विधानसभा में बोलने नहीं दिया गया. बाबा साहब ने उन्हें जो अधिकार दिया, उन्हें उन अधिकारी से वंचित किया जा रहा है.

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झारखंड विधानसभा में नमाज रूम अलॉट करने को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. (फाइल फोटो)
झारखंड विधानसभा में नमाज रूम अलॉट करने को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विधानसभा अध्यक्ष ने नहीं पढ़ने दिया कार्य स्थगन प्रस्ताव
  • नाराज भाजपा विधायक ने किया सदन से वॉकआउट

झारखंड विधानसभा में नमाज को लेकर अलग कमरा आवंटित करने की बात पर जमकर हंगामा हो रहा है. इसी बीच गुरुवार को भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अमर बाउरी विधानसभा से रोते हुए बाहर निकले और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर सदन में बोलने नहीं देने का आरोप लगाया. 

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चंदनकियारी से भाजपा विधायक अमर बाउरी जब विधानसभा से रोते हुए बाहर निकले तो हर कोई हैरान रह गया. वे विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्य स्थगन नहीं पढ़ने देने से नाराज थे. मीडिया से बातचीत में बाउरी ने कहा, दलित होने की वजह से उन्हें विधानसभा में बोलने नहीं दिया गया. बाबा साहब ने उन्हें जो अधिकार दिया, उन्हें उन अधिकारी से वंचित किया जा रहा है. 

क्या था मामला?

विधायक अमर बाउरी भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आए थे. लेकिन उनके इस प्रस्ताव को ना ही विधानसभा अध्यक्ष ने पढ़ा और न ही उन्हें पढ़ने दिया, जिससे वो नाराज हो गए और सदन से वॉकआउट कर दिया

हमारे विधायक को बोलने नहीं दिया गया- भाजपा

भाजपा के रांची से विधायक सीपी सिंह ने इस मामले पर कहा कि जब हम विधानसभा अध्यक्ष थे, तब विपक्ष को ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका देते थे. लेकिन महागठबंधन की सरकार में हमारे दलित विधायक को बोलने नहीं दिया गया. यह पूरी तरह से गलत है. 

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नमाज रूम को लेकर छिड़ा विवाद

दरअसल, झारखंड स्पीकर ने हाल ही में विधानसभा में नमाज के लिए एक रूम अलॉट किया है. भाजपा इस फैसला का लगातार विरोध कर रही है. नमाज रूम के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों के विधानसभा जाने से रोकने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखाई थी. बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश करने वालों पर पानी की बौछार की गई थी और लाठियां बरसाई गई थीं. इस लाठीचार्ज के खिलाफ भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा था. 

 

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