जाने माने बिजनेसमैन और आधुनिक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश अग्रवाल, टेरर फंडिंग मामले में आरोपी हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2016 में एक चार्जशीट दाखिल किया था जिसमें उन्होंने आधुनिक ग्रुप और मैनेजिंग डायरेक्टर महेश अग्रवाल का नाम डाल दिया था. इनपर टीपीसी (ट्रीटी प्रस्तुति कमेटी) को फंडिग करने का आरोप था.
एनआईए ने अपनी वेबसाइट पर भी उनका नाम मोस्ट वांटेड लिस्ट में रखा था. लेकिन झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद एजेंसी को वेबसाइट पर से इनका नाम हटाना पड़ा है.
समान्य रूप से मोस्ट वांटेड लिस्ट में उन्हीं लोगों के नाम रखे जाते हैं जिन्होंने कोई जघन्य अपराध किया हो या फिर किसी देश विरोधी गतिविधि में संलिप्त पाए गए हों. आधुनिक ग्रुप के वकील इंद्रजीत सिन्हा ने बताया कि काफी समय पहले उनका नाम डाल दिया गया था, जिसके बाद वेबसाइट पर मोस्ट वांटेंड लिस्ट से महेश अग्रवाल का नाम हटाने को भी कहा गया था. अब पूरा मामला कोर्ट में चल रहा है और आखिरी स्टेज की सुनवाई चल रही है.
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एनआईए संभवत: इस मामले में अपना बचाव करेगा, लेकिन हम लोग इस समय कुछ नहीं कहना चाहते हैं. हालांकि कोर्ट की तरफ से हमें राहत मिल चुकी है. झारखंड हाई कोर्ट ने एजेंसी को अपने वेबसाइट की मोस्ट वांटेड लिस्ट से महेश अग्रवाल का नाम हटाने को कहा है. यह काफी पुराना केस है.