झारखंड में राज्यसभा चुनावों में कैश फॉर वोट विवाद के बाद अब नगर निगम चुनावों पर भी इसका साया पड़ता नजर आ रहा है. इस बार आरोपों के घेरे में पूर्व केंद्रीय मंत्री और रांची से कांग्रेस के सांसद सुबोधकांत सहाय हैं.
नगर निगम चुनावों में नोट फॉर वोट मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय घिरते नजर आ रहे हैं. पुलिस के हाथ लगे एक सीसीटीवी फुटेज में सुबोध कांत सहाय को सिटी पैलेसे होटल में देखे जाने का दावा किया गया है. सुबोधकांत सहाय के भाई सुनील सहाय के नाम से बुक एक कमरे में 7 अप्रैल को 22 लाख रुपये की बरामदगी हुई थी. माना जा रहा है कि इस रकम का इस्तेमाल वोटों को खरीदने के लिए किया जाने वाला था.
होटल से जब्त किए सीसीटीवी फुटेज में 11 बजकर 04 मिनट पर एक शख्स बैग लेकर होटल में दाखिल होता दिख रहा है. इसके एक घंटे बाद 12 बजकर 2 मिनट पर कई लोग एक साथ होटल में जाते दिख रहे हैं. इस फुटेज में किसी का भी चेहरा साफ नहीं है, लेकिन एक शख्स के बारे में विपक्ष का कहना है कि वो ही सुबोधकांत सहाय हैं और जो शख्स बैग लेकर कमरे में गया था, वो वही बैग था, जो पुलिस ने कमरे से बरामद किया है.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को जब्त कर लिया है, लेकिन अभी कुछ भी कहने से साफ इनकार कर रही है. नोट फॉर वोट के इस आरोप के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने मेयर पद की मतगणना पर फिलहाल रोक लगा दी है. इससे नाराज सुबोधकांत सहाय ने आयोग के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिये है.
हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर रमा खलखो की उम्मीदवारी को रद्द और पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. फिलहाल इस मामले में दो कोंग्रेसी नेताओ को गिरफ्तार किया गया है और फरार रमा खलखो के खिलाफ कोर्ट ने वारंट भी जारी कर दिया है.