scorecardresearch
 

झारखंड में सीज हुआ 37 करोड़ कैश मंत्री आलमगीर आलम का, ED का कोर्ट में दावा, कहा- हर टेंडर पर डेढ़ प्रतिशत कमीशन फिक्स था मंत्री का

ईडी ने कहा कि झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव की घरेलू नौकरानी के रांची स्थित परिसर से जब्त की गई 32.2 करोड़ रुपये की नकदी विधायक से संबंधित है. ईडी ने आरोप दावा किया है कि मंत्री को अपने विभाग के हर टेंडर से 1.5 प्रतिशत का निश्चित कमीशन मिलता था.

Advertisement
X
ईडी ने कोर्ट में कहा कि जब्त किए गए 37 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के हैं
ईडी ने कोर्ट में कहा कि जब्त किए गए 37 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के हैं

झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के घरेलू सहायक के रांची स्थित परिसर से जब्त 32.2 करोड़ रुपये की नकदी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बड़ा आरोप लगाया. ईडी ने कहा कि बरामद की गई नकदी मंत्री से संबंधित है और उन्हें अपने विभाग में प्रत्येक टेंडर से 1.5 प्रतिशत का निश्चित कमीशन मिलता था.

Advertisement

केंद्रीय एजेंसी ने यह दावा तब किया जब उसने पाकुड़ के कांग्रेस नेता 74 वर्षीय आलम को विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) प्रभात कुमार शर्मा की अदालत के समक्ष पेश किया. उन्हें एजेंसी ने बुधवार को गिरफ्तार किया था. अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया. ईडी ने 6 मई को आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम पर छापा मारा था और उनके नाम पर एक फ्लैट से कुल 32.2 करोड़ रुपये बरामद किए थे. इस मामले में कुल 37.5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है.

यह भी पढ़ें: झारखंडः कांग्रेस नेता और मंत्री आलमगीर आलम अरेस्ट, ED रेड में PS के नौकर के घर से मिला था 37 करोड़ कैश

सारी नकदी आलमगीर की

ईडी ने मंत्री की रिमांड का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया, ‘यह पता लगाया गया है कि जहांगीर आलम के नाम पर पंजीकृत फ्लैट से जब्त 32.2 करोड़ रुपये की नकदी आलमगीर आलम से संबंधित है और इसे जहांगीर ने संजीव कुमार लाल के निर्देश पर एकत्र किया था, जो आलमगीर आलम के लिए ऐसा कर रहे थे.’

Advertisement

ईडी ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के पास ‘लेटरहेड’ पर कई आधिकारिक दस्तावेजों की मौजूदगी से साबित होता है कि लाल इस परिसर का इस्तेमाल आलमगीर से जुड़े दस्तावेजों, रिकॉर्ड, नकदी और अन्य सामानों को रखने के लिए कर रहे थे.

पीए लाल करता था टेंडर मैनेज

'वह (लाल) टेंडर मैनेज करने और इंजीनियरों से कमीशन के संग्रह में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, साथ ही कमीशन का उक्त प्रतिशत सरकार के उच्च अधिकारियों को मशीनीकृत तरीके से वितरित किया जाता था.' इसमें कहा गया है, '...ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक कई अधिकारी इस सांठगांठ में शामिल हैं और भारी भुगतान आमतौर पर नकद में प्राप्त किया जाता था जिसे बाद में सफेद कर दिया जाता था, जिसका खुलासा करने की जरूरत है.'

यह भी पढ़ें: 'जो भी पूछा मैंने बता दिया', ED ने 10 घंटे तक की मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ, कल फिर बुलाया

एजेंसी ने कहा कि उसने पिछले साल ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम को गिरफ्तार किया था.ईडी ने कोर्ट को बताया, 'राम निविदा आवंटन और काम के निष्पादन के मामले में कमीशन एकत्र करता था और उक्त कमीशन का 1.5 प्रतिशत हिस्सा मंत्री आलमगीर आलम को वितरित किया जाता था.' इसमें कहा गया है कि कमीशन को एकत्र करने और वितरण की पूरी प्रक्रिया ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात सहायक इंजीनियरों द्वारा की जाती थी.

Advertisement

हर टेंडर से 1.5 फीसदी कमीशन फिक्स

 आलमगीर आलम का हिस्सा आवंटित टेंडर राशि का 1.5 प्रतिशत था और एक मामले में यह भी पाया गया कि आलमगीर आलम को अपने हिस्से का 3 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ था जो सितंबर 2022 में एक सहायक अभियंता द्वारा भेजा गया था. ईडी ने यह भी दावा किया गया कि आलमगीर आलम ‘‘अपराध की आय प्राप्त करने, इसे छिपाने’’ में शामिल थे, इस प्रकार धन शोधन की प्रक्रिया में उनकी सक्रिय हिस्सेदारी थी.

सितंबर 2020 का मनी लॉन्ड्रिंग मामला झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (जमशेदपुर) के मामले और वीरेंद्र कुमार राम और कुछ अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मार्च 2023 में दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है.

यह भी पढ़ें: झारखंड में राहुल गांधी की चुनावी सभाओं में नहीं दिखे मंत्री आलमगीर आलम, दो दिन पहले कैशकांड से आए थे चर्चा में

Live TV

Advertisement
Advertisement