झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय जांच एजेंसी अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नींबू पहाड़ इलाके में अवैध माइनिंग स्कैम मामले में तीन राज्यों में 16 जगहों पर छापेमारी की है. सीबीआई ने झारखंड में 14, बिहार में एक और कोलकाता में एक जगह पर रेड मारी है. एजेंसी ने छापेमारी में भारी मात्रा में कैश, गोल्ड और सिल्वर समेत कई अहम डॉक्यूमेंट्स बरामद किए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने निंबू पहाड़ में अवैध पत्थर खनन मामले में मंगलवार को चुनावी राज्य झारखंड सहित तीन राज्यों में 20 स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कथित राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा की जांच चल रही है.
झारखंड में 14 ठिकानों पर छापेमारी
अधिकारियों ने बताया कि ये छापेमारी झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में की गई है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने झारखंड के साहिबगंज में 11 स्थानों, रांची में तीन और पटना और कोलकाता में एक-एक स्थान पर संदिग्धों और उनके सहयोगियों के परिसरों पर अभियान चलाया.
अधिकारियों ने कहा कि बाद में साहिबगंज में दो और स्थानों, झारखंड के गुमला में एक स्थान और कोलकाता में एक स्थान पर तलाशी का विस्तार किया. जिससे छापेमारी के ठिकानों की कुल संख्या 20 हो गई.
सीबीआई ने 50 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जिनमें से 40 लाख रुपये रंजन वर्मा के परिसर से जब्त किए गए हैं. साहिबगंज में भगवान भगत के पास से एक किलोग्राम सोना और 9 एमएम पिस्टल के 61 जिंदा कारतूस बरामद किये गये थे. अधिकारियों ने कहा कि रंजन वर्मा और भगत मिश्रा के करीबी सहयोगी हैं.
'कई डॉक्यूमेंट्स में किए बरामद'
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि संपत्तियों, निवेश और शेल कंपनियों से संबंधित दस्तावेज, समझौते पत्र और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
प्रवक्ता ने कहा, "जांच से पता चला कि साहिबगंज जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन गतिविधियों ने कथित तौर पर सरकार को काफी नुकसान पहुंचाया, मुख्य रूप से अवैतनिक रॉयल्टी और खनन कानूनों के उल्लंघन किया."
अधिकारी ने बताया कि संदिग्धों के ठिकानों पर मंगलवार को छापेमारी की जा रही है जिनकी भूमिका आगे की जांच के दौरान सामने आई है.
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जांच से पता चलता है कि प्रमुख व्यक्ति और संस्थाएं कथित तौर पर इस ऑपरेशन में शामिल थे, अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करके और अवैध रूप से प्राप्त संसाधनों या पैसे डायवर्ट कर रहे थे.
उन्होंने कहा, "शुरुआती जांच में साक्ष्य जुटाए गए, जिससे अवैध खनन गतिविधि को अंजाम देने और इस प्रकार प्राप्त आय को छिपाने के लिए प्रमुख व्यक्तियों और फर्मों की संलिप्तता और सांठगांठ का पता चला."
HC के आदेश पर दर्ज हुई थी FIR
झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को साहिबगंज पुलिस द्वारा दर्ज किए गए आरोपी व्यक्तियों के आचरण और याचिकाकर्ता बिजय हांसदा के आचरण की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने रिट याचिका वापस लेने की मांग की थी.
इसने हंसदा द्वारा दायर याचिका पर आदेश जारी किए, जिन्होंने आरोप लगाया था कि ढाई साल से, "पत्थर माफिया" उनके जिले के खनन अधिकारियों सहित सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से "अवैध खनन" कर रहे थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि वे अर्थमूविंग मशीनों का इस्तेमाल कर रहे थे और विस्फोट कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीणों के घरों में दरारें आ गईं.
हांसदा ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने मिश्रा की मौजूदगी में अवैध खनन होते देखा था, लेकिन जिला अधिकारियों से उनकी शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
एजेंसी ने झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर 20 नवंबर, 2023 को मामला दर्ज किया. पिछले साल 20 नवंबर को दर्ज की गई अपनी एफआईआर में, सीबीआई की रांची इकाई ने मिश्रा, पवित्र कुमार यादव, राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुवेश मंडल पर मामला दर्ज किया था.
झारखंड में दो चरण में होगा चुनाव
आपको बता दें कि झारखंड में विधानसभा चुनाव 13 और 20 नवंबर को होंगे. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और इंडिया ब्लॉक का मुकाबला बीजेपी और उसके एनडीए सहयोगियों से होगा.