झारखंड की सियासत में बुधवार का दिन गहमागहमी भरा रहा. एक तरफ हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी पार्टी झामुमो के कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई. तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी उपाध्यक्ष के साथ वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया और इस फैसले के बाद उनके गांव में जश्न मनाया जाने लगा. चंपई के सरायकेला खरसांवा जिले में स्थित गांव जिलिंगगोड़ा में लोग खुशी से झूमते और ढोल बजाते नजर आए.
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10वीं तक पढ़ाई, 4 बेटे और 3 बेटियां
चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं. उनका पिता का नाम सिमल सोरेन है, जो कि खेती किसानी किया करते थे. चंपई चार बच्चों में बड़े बेटे हैं. 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने पढ़ाई लिखाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया. शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं.
इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठने लगी. शिबू सोरेन के साथ ही चंपई भी झारखंड के आंदोलन में उतर गए. जल्द ही 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर भी हो गए. इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया. इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे.
झामुमो सरकार से पहले भी रहे मंत्री
बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया.
झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं चंपई
दूसरी बार 2019 में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं. अब उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद चंपई झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे.