झारखंड बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने ईडी अधिकारियों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्वीटर ) हैंडल पर ईडी अधिकारियों/कर्मचारियों पर उसी तरह से हमले की आशंका जताई है, जैसा पश्चिम बंगाल में देखा गया है. उन्होंने पीएमओ, गृह मंत्रालय, ईडी निदेशक, झारखंड पुलिस और अन्य को टैग किया है.
उन्होंने दावा किया कि कुछ दिन पहले 5 जनवरी को हमले के लिए जाल बिछाया गया था. मरांडी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस काम के लिए कुछ सुपारी गुंडों को काम पर रखा गया है. उन्हें हवाईअड्डा क्षेत्र के पास रखा गया था जहां ईडी कार्यालय स्थित है.
मरांडी ने कहा कि ईडी अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाने या उन्हें नकदी का लालच देकर फंसाने की कोशिश की जा रही है. उन्हें डराया-धमकाया भी गया.
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर क्या लिखा
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा, 'बंगाल के तर्ज़ पर झारखंड में भी ईडी के लोगों पर भविष्य में हमला करवाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. सूत्रों के मुताबिक़ बीते 5 जनवरी को इस काम के लिये कुछ भाड़े के गुंडों को तैयार कर हवाई अड्डा के पीछे वाले इलाक़े में बुलाकर रखा गया था. सर्वविदित है कि इससे पहले ईडी के अफ़सरों को झूठे मुक़दमों में फँसाने, असामाजिक तत्वों से धमकी दिलाने एवं कुछ महिलाओं को तैयार कर ईडी अफ़सरों को फँसाने का षड्यंत्र जेल से ही रचा जा रहा था, जिसका भांडा फूट जाने के कारण वो योजना विफल हो गया था. केन्द्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध है कि वो ऐसे षड्यंत्रकारियों पर कड़ी नज़र रखे.'
गौरतलब है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल में ED की टीम पर उस वक़्त हमला किया गया जब टीम जांच करने राज्य में पहुंची थी.
पश्चिम बंगाल में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के समर्थकों द्वारा हमला किए जाने के बाद यहां का सियासी पारा चढ़ गया है.
विपक्ष ने जहां एक ओर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. वहीं दूसरी ओर राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने भी संकेत दिया है कि वह सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार करेंगे और मामले पर उचित कार्रवाई करेंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में हुई घटना को संघीय ढांचे पर सीधा हमला बताया है जबकि कांग्रेस ने राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. हालांकि, सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को उकसाया.
यह घटना तब हुई जब ईडी अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी की और उन्हें शाहजहां के समर्थकों के हमलों का सामना करना पड़ा. समर्थकों ने अधिकारियों और उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाया. शाहजहां को राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी सहयोगी माना जाता है. ज्योतिप्रिय मल्लिक को करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यह छापेमारी करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में एजेंसी की चल रही जांच के लिए अहम मानी जा रही थी.