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झारखंड के स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षक इस तरह लाए जाएंगे रास्ते पर

झारखंड के देहाती क्षेत्रों के स्कूलों से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि शिक्षक स्कूलों से नदारद रहते हैं और अपनी जगह किसी और को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं.

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सीएम ने जारी किए आदेश
सीएम ने जारी किए आदेश

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देश के देहाती इलाकों के सरकारी स्कूलों में आम तौर पर गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं. झारखंड सरकार ने ऐसे शिक्षकों को सही रास्ते पर लाने के लिए अनोखा तोड़ निकाला है. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने फरमान जारी किया है कि स्कूलों में जो भी शिक्षक पढ़ाते हैं, उनकी तस्वीरें स्कूल में टंगेंगी. आप कहेंगे कि शिक्षकों को पटरी पर लाने के लिए भला ये कौन सा समाधान हुआ?

तस्वीरें नहीं तो वेतन भी नहीं
दरअसल, झारखंड के देहाती क्षेत्रों के स्कूलों से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि शिक्षक स्कूलों से नदारद रहते हैं और अपनी जगह किसी और को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं. इसी को रोकने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री ने स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की फोटो स्कूल में टांगने का आदेश दिया है. इससे बच्चों और उनके अभिभावकों को असली शिक्षक को पहचानने में मदद मिलेगी. जिन शिक्षकों की तस्वीरें टंगी नहीं मिलेंगी, उनका वेतन बंद कर दिया जाएगा. शिक्षकों की आधार कार्ड वाली तस्वीरें ही स्कूलों में टंगेंगी.

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दिलचस्प बात ये है कि शिक्षकों की तस्वीरें स्कूलों में वहीं टंगेंगी, जहां महापुरुषों की टंगी रहती हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी उपायुक्तों को इस आदेश पर एक महीने के भीतर अमल सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

कुछ शिक्षकों को आपत्ति
मुख्यमंत्री के इस आदेश से स्कूलों से नदारद रहने वाले शिक्षकों में हड़कंप है. वहीं कुछ शिक्षकों का कहना है कि इस कदम से उन महापुरुषों की गरिमा कम होंगी, जिनकी तस्वीरों के साथ ऐसे शिक्षकों की तस्वीरें टंगेंगी. कुछ शिक्षक कह रहे हैं कि ये वैसा ही है जैसे कि थानों में असामाजिक तत्वों की तस्वीरें टंगी रहती हैं.

अब मुख्यमंत्री का आदेश है तो अमल तो होगा ही. लेकिन स्कूलों से नदारद रहने वाले गुरुजनों की जरूर नींद उड़ गई है.

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