केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों के बावजूद देश के थर्मल पावर प्लांट में कोल स्टॉक की स्थिति खराब है. इन पावर प्लांट्स में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के तय मानक से काफी कम कोल स्टॉक बचा है. प्राधिकरण की ओर से जारी कोल स्टॉक की स्थिति के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 80 प्रतिशत थर्मल पावर प्लांट्स में कोल स्टॉक एक से चार दिनों का ही है. अगर जल्द कोयला नहीं मिला तो कई पावर प्लांट में बिजली उत्पादन ठप हो जाएगा.
प्राधिकरण ने इनमें से 10 प्लांट्स में कोयले के स्टॉक की स्थिति को क्रिटिकल श्रेणी में रखा है. 13 प्लांटों में स्टॉक की स्थिति को सुपर क्रिटिकल की श्रेणी में रखा गया है. चंद्रपुरा सुपर क्रिटिकल श्रेणी में डीवीसी का बोकारो जिला स्थित चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट में कोल स्टॉक सुपर क्रिटिकल स्थिति में है. यहां महज तीन दिनों का स्टॉक बचा है.
कोल इंडिया पर निर्भर प्लांट
चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट की 630 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है. यहां रोज 5920 टन कोयले की खपत है. प्लांट अपनी जरूरत के लिए कोल इंडिया पर निर्भर है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के मानक के मुताबिक, सामान्य स्थिति में 20 दिनों का स्टॉक होना चाहिए. धनबाद के डीवीसी पावर प्लांट अभी से ही 4 से 6 घंटे का पवार कट करना शुरू है. ऐसे में त्योहारों के समय में आम लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है साथ ही अन्य सभी प्लांट के पास तीन से चार दिन या उससे कम का ही कोल स्टॉक है. तेनुघाट पावर प्लांट के पास चार दिन बोकारो पावर प्लांट बीटीपीपीएस के पास तीन दिन व कोडरमा पवार प्लांट के पास चार दिनों का स्टॉक है.
देश को 16 लाख टन कोयले की जरूरत
एक तरफ बिजली की खपत तेजी बढ़ रही है. देश को 16 लाख टन कोयले की जरुरत है. इस समय 15 लाख टन उत्पादन हो पा रहा है. ऐसे में कोल कंपनियों को कोयले की उत्पादन बढ़ाने की जरूत है. ताकि इस त्योहारों के समय लोगो को अधेरे का सामना ना करना पड़े. वहीं, बीसीसीएल एंड सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि बरसात के मौसम के कारण उत्पादन बाधित हुआ है, लेकिन अब उत्पादन और डिस्पेच में फिर से तेजी आ रही है. जरुरत के हिसाब से कोयले का उत्पादान के साथ डिस्पेच किया जा रहा है. वहीं, बीसीसीएल से एनटीपीसी डीवीसी डब्लूसीएल के साथ पंजाब और उतर प्रदेश भी भेजा जाता है.