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झारखंड में फिर चढ़ा सियासी पारा, JMM से सहयोगी दल कांग्रेस नाखुश, शक की सुई BJP की तरफ

झारखंड में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के बीच मनमुटाव दिखने लगा है. इसके अलावा दोनों दलों के भीतर भी आपसी कलह जारी है. इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दल बीजेपी पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

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JMM और कांग्रेस आपसी अंतर्कलह से भी परेशान. (फाइल फोटो)
JMM और कांग्रेस आपसी अंतर्कलह से भी परेशान. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हेमंत सोरेन से तवज्जो न मिलने का आरोप
  • कांग्रेस में उठ रहे विरोध के सुर

झारखंड़ में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच बन नहीं रही है. लिहाजा पार्टी के सीएलपी, पीसीसी और मंत्रियों समेत 30 नेताओं की बैठक मंगलवार को दिल्ली में आयोजित की गई. दरअसल 7 मई को पार्टी के प्रभारी ने जाकर खुद मुख्यमंत्री से मिलकर मांग की थी कि गठबंधन की सरकार को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन हो,  जो कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय करे. हालांकि, इस पर मुख्यमंत्री ने तवज्जो नहीं दी. हालांकि, जेएमएम और कांग्रेस अपने अपने दल के अंदर कलह से भी परेशान है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार अपने पांच साल पूरे कर पाएगी? 

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बजट सत्र में कह चुके हैं कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें हो रही हैं. कांग्रेस ने उस वक्त भी उनके बयान का समर्थन किया था और अभी भी कर रही है. हालांकि, मुख्यमंत्री सोरेन से कांग्रेस इस बात को लेकर नाराज भी है कि जेएमएम सिर्फ अपने मन का कर रही है. जेएमएम से 7 मार्च को ही कोऑर्डिनेशन कमेटी और सीएमपी के लिए कहा गया था, लेकिन जेएमएम के कान में जूं तक नहीं रेंगी. गठबंधन में रहकर और समर्थन देकर भी अपनी सरकार में ही तवज्जों नहीं मिल रही तो कांग्रेस ने अपने नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक की.
 
हालांकि, दूसरा पहलू ये भी है कि अपने ही दल में चल रहे अंतर्कलह से भी जेएमएम और कांग्रेस परेशान है. कांग्रेस भी कहती है कि जेएमएम में कुछ असंतोष है, जिसे उसे दूर करना होगा. जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन (शिबू सोरेन की पुत्रवधू) के ही तेवर बागी हैं. उनका कहना है कि जल, जंगल और जमीन का सरकार गैर-कानूनी ढंग से दोहन करवा रही है. लोबिन भी 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं और वो भी पार्टी के इच्छा के खिलाफ. उधर, सीता सोरेन भी बुधवार को पार्टी के खिलाफ कार्यक्रम करेंगीं, यानी हलचल दोनों ही घटकों में है.  

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इस पूरे मामले में शक की सुई बेशक बीजेपी की तरफ घूम रही है. खुद कांग्रेस औए जेएमएम भी आरोप लगाती है कि BJP सरकार को अस्थिर करने की फिराक में है. हालांकि, BJP कांग्रेस और जेएमएम के आरोपों को बेतुका मानती है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि जैसे पाकिस्तान में कोई भूचाल आता है तो उसे कश्मीर याद आती है यानी मुद्दे से भटकाने के लिए वो कश्मीर को सामने लाता है, ठीक उसी तरह झारखंड़ में जब सरकार जनता के मुद्दों से घिर जाती है तो उसे BJP याद आती है और वो तमाम बातों का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ती है. 
 

झारखंड़ में अलग-अलग दलों की स्थिति 
पार्टी सीटें
जेएमएम 30
बीजेपी 26  
कांग्रेस 17+1 
आरजेडी 1
सरयू राय (निर्दलीय) 1
कमलेश सिंह (एनसीपी) 1
विनोद सिंह (CPIML) 1
आजसू पार्टी 2
अमित यादव (निर्दलीय)  
1
कुल 81


 

 

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