देश में इस वक्त कोरोना के महासंकट के कारण हाहाकार मचा है. राज्य दर राज्य स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुलती हुई नज़र आ रही है. झारखंड के बड़े शहरों का हाल भी कुछ जुदा नहीं हैं, यहां तो बीते दिन एक कोरोना पीड़ित मरीज़ ने अस्पताल के सामने ही दम तोड़ दिया. ये घटना भी तब हुई जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री उसी अस्पताल का निरीक्षण करने आए थे.
झारखंड के हजारीबाग से राजधानी रांची में इलाज के लिए आए 60 साल के पवन गुप्ता ने सदर अस्पताल की दहलीज पर दम तोड़ दिया. कोरोना पीड़ित पवन गुप्ता को अस्पताल के डॉक्टर्स ने अटेंड ही नहीं किया. पीड़ित की बेटी और अन्य परिजन अस्पताल के बाहर गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी.
उसी वक्त राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी वहां पर मौजूद थे, लेकिन वो सामने से ही गुजर गए. ऐसे में मृतक की बेटी ने मंत्री को जमकर खरी-खोटी सुनाई और कहा कि नेताओं को सिर्फ वोट से मतलब है, क्या वो उनके पिता को वापस लौटा सकते हैं.
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पीपीई किट पहनकर इसी अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, दावा किया कि यहां हालात सामान्य हैं. लेकिन इस दावे के चंद मिनटों के बाद ही सारी पोल खुल गई. हजारीबाग से इलाज के लिए पवन गुप्ता को अस्पताल में जगह नहीं मिली. परिजन डॉक्टरों से अपील करते रहे, लेकिन कुछ ना हो सका.
लेकिन जब पूरी घटना हो गई, तब मंत्री ने बयान दिया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और गलती करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि सिर्फ रांची ही नहीं बल्कि झारखंड के अन्य जिलों का भी ऐसा ही हाल है, प्रदेश में हर दिन कोरोना मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और संकट बढ़ता जा रहा है.
अपनी सफाई में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमारी सरकार ईमानदारी से अपना काम कर रही है, अगर कहीं कोई खामी हुई है तो हमने उसमें सुधार किया है. मंत्री ने कहा कि मैं अस्पताल में वार्ड्स की जांच कर रहा था, जब नीचे उतरा तो वह बहन रो रही थी तब मैंने हाल जाना और जांच का निर्देश दिया है.