झारखंड के रामगढ़ जिले से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. सरकारी दस्तावेजों में यहां दस सालों से मरे हुए लोग अनाज खा रहे हैं, यह सुनने में जरूर अटपटा लग रहा है, लेकिन सौ फीसदी सच है.
रामगढ़ जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों से ही इसका खुलासा हुआ है. जिले में सरकारी अनाज का उठाव करने वाले 12000 हजार अयोग्य लाभुकों को जिला प्रशासन ने चिन्हित कर लिया है. वैसे लोगों पर अब कार्रवाई की जाएगी जो गलत तरीके से सरकारी अनाज का उठाव कर रहे हैं.
मामले सामने आने के बाद मांडू प्रखंड के टूटी झरना रोड पर स्थित डीलर जयश्री सरकारी अनाज दुकान की पर मांडू के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रविसगर पांडे मृतक हंसराज और उनकी मृतक पत्नी सुमित्रा देवी के परिजनों से पूछताछ करते हुए नजर आए.
परिजनों से पूछा गया कि कार्डधारक की मौत 10 साल पहले हो चुकी है, फिर भी इनका सरकारी अनाज का उठाव लगातार आज तक क्यों जारी है? हालांकि मृतक के परिजन ने दलील दी कि राशन कार्ड से अपने माता पिता का नाम हटवाने के लिए आवेदन दिया था पर विभाग ने नाम नहीं हटाया इसलिए अनाज का उठाव होता आ रहा है.
जिला प्रशासन सरकारी अनाज को लेकर इन दिनों काफी गंभीर नजर आ रहा है, जिला प्रशासन ने पूरे जिले से वैसे 12000 हजार अयोग्य लाभुक को चिन्हित कर लिया है जो गलत तरीके से सरकारी अनाज का लगातार उठाव करते आ रहे है, इसके लिए जिला प्रशासन उन सभी अयोग्य लाभुकों को सूचना दे रहा है कि आप अपने राशन कार्ड को स्वेच्छा से सरेंडर कर दे, अगर सेरेंडर नहीं करते है तो विभाग उठाव के राशन की कीमत को सूद समेत वसूलेगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं इस मामले में मांडू प्रखंड खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा कि जांच में पाया गया है कि डीलर जयश्री के सास ससुर की मौत 10 साल पूर्व हो चुकी है फिर भी इनके नाम से सरकारी राशन का उठाव अबतक जारी है.
उन्होंने कहा, मैं अपनी जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौपूंगा और इनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की मांग करूंगा. वहीं इस मामले में जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी रंजना टोप्पो ने कहा कि वैसे 12000 हजार अयोग्य लाभुकों को चिन्हित कर लिया गया है जो गलत तरीके से सरकारी अनाज का उठाव कर रहे है. उन पर अब कार्रवाई की जाएगी.