झारखंड का जामताड़ा साइबर क्राइम (Cyber Crime) का हब माना जाता है. यहां साइबर क्राइम के एक मामले में देवघर के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश ने सात अपराधियों को दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई. इनमें दो को आजीवन कारावास हुआ है. इसी के साथ दोनों पर 20-20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अन्य दोषियों को भी कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ जुर्माना लगाया है.
गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
देवघर साइबर थाना केस संख्या 26/2020 की सुनवाई देवघर कोर्ट में हुई. कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गईं. इसके बाद कोर्ट ने साइबर ठगी के मामले में गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर सभी 7 लोगों को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई. कोर्ट ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ ही 20-20 लाख का जुर्माना लगाया है.
वहीं तीन दोषियों को 10-10 साल की सजा के साथ ही 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इनके अलावा दो साइबर अपराधी जामताड़ा जिले के कर्मटांड के रहने वाले हैं, उन्हें 7-7 साल का श्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
सजा के साथ ही 7 अपराधियों पर लगा 57 लाख का जुर्माना
ये सभी साइबर अपराधी बैंक के अधिकारी बनकर केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों से ठगे करते थे. पुलिस ने इनके पास से फर्जी सिम, एटीएम कार्ड और एटीएम क्लोन मशीन बरामद की थी, जिसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने इस मामले में कुल सात को सजा सुनाई, साथ ही 57 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने सजा बढ़ाई जाएगी.
(शैलेंद्र मिश्रा के इनपुट के साथ)